न्यूयॉर्क- 12 सितंबर। भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की 54वीं मानवाधिकार परिषद की बैठक में अफगानिस्तान को भरपूर मदद भेजे जाने की जानकारी दी है। साथ ही भारत ने अफगानिस्तान में शांति व स्थायित्व स्थापना की उम्मीद भी जाहिर की है।
अफगानिस्तान इस समय जबर्दस्त संकट से जूझ रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की ओर से बताया गया कि अफगानिस्तान का पड़ोसी और विकास भागीदार होने का साथ भारत और अफगानिस्तान करीबी ऐतिहासिक सभ्यताएं हैं। अफगानिस्तान में शांति और स्थायित्व के समर्थक होने के साथ भारत ने अफगानिस्तान में मानवाधिकार विकास संबंधी कार्यों की देखरेख की बात भी कही है।
यह भी जानकारी दी गयी कि भारत ने अफगानिस्तान में 50 हजार मीट्रिक टन अनाज, 28 टन आपदा राहत पैकेज, 200 टन दवाइयां, वैक्सीन और अन्य मेडिकल आइटम भिजवाए हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान में 11 हजार यूनिट महिला स्वास्थ्य किट्स और कंबल भी अफगानिस्तान के महिला पुनर्वास केंद्रों को भेजे हैं।
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने भी संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान के लोगों को मदद भेजने के लिए भारत की तारीफ की। दो साल पहले तालिबान ने फिर से अफगानिस्तान की सत्ता कब्जाई थी, उसके बाद से ही अफगानिस्तान मानवीय संकट का सामना कर रहा है। भारत, अफगान लोगों के लिए चिकित्सा और खाद्य सहायता सहित अन्य मानवीय सहायता की आपूर्ति कर रहा है।
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा कि हमें इस साल की पहली छमाही में अफगानिस्तान में 1.6 करोड़ लोगों के लिए भोजन मिला है। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने भारत को उदार दानदाता बताकर आभार जताया और कहा कि भारत जैसे उदार दानदाताओं की मदद से ही अफगानिस्तान में लोगों को भोजन मिलना संभव हुआ है।