कोलंबो- 16 फरवरी। श्रीलंका सरकार ने देश के महत्वपूर्ण पुरातात्विक,ऐतिहासिक और पवित्र महत्व वाले 11 बौद्ध मंदिरों को पवित्र स्थल घोषित किया है। राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग ने आज प्रेस विज्ञप्ति में में यह जानकारी दी।
विज्ञप्ति के अनुसार एक समारोह में राष्ट्रपति के सचिव समन एकनायके ने कहा है कि देश के कई ऐतिहासिक तीर्थस्थलों को पवित्र स्थलों के रूप में नामित किया गया है। राष्ट्रपति देश के संविधान के अनुसार बौद्ध धर्म की रक्षा और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रीय भौतिक नियोजन विभाग ने महत्वपूर्ण पुरातात्विक, ऐतिहासिक और पवित्र महत्व के 11 मंदिरों को सरकारी राजपत्र में पवित्र स्थलों के रूप में नामित किया है।
इनमें अंबागस्वेवा पुराण राज महाविहार, पोथुवतावाना महाविहार, अम्पारा मुहुदु महाविहार, राजा महाविहार, उद्धकंदारा राज महाविहार, श्री सद्धर्म युक्तिका वाना सेनसुना (मठ), श्री विजया सुंदरराम राजा महाविहार, शांति विहार, श्री सुधर्माराम पुराण विहार, गंभरा सिद्ध कबला मूल सून्यम देवालय और यान ओया राज महाविहार शामिल हैं। इसी के साथ श्रीलंका में पवित्र पूजास्थलों के रूप में मान्यता प्राप्त अभयारण्यों की कुल संख्या अब 142 हो गई है। एकनायके ने कहा है कि सरकार का यह कदम राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
उन्होंने कहा कि थेरवाद बौद्ध धर्म के केंद्र महाविहार में पुरातात्विक खुदाई शुरू करने के अलावा महाविहार विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संग्रहालय का निर्माण कराने का फैसला भी किया गया है। सरकार के फैसले की बालंगोडा शोभिता नायक थेरा,गन्थुने असाजी महानायक थेरा और मेडागामा नंदवंश थेरा ने प्रशंसा की है।