कोलकाता- 21 सितंबर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक लाभ के लिए भारत के इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। बुधवार को अलीपुर म्यूजियम के उद्घाटन के दौरान उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि भारत के इतिहास और भूगोल को राजनीतिक स्वार्थ के लिए बदलने की कोशिश हो रही है। अलीपुर म्यूजियम जिसका संबंध आजादी की लड़ाई के समय क्रांतिकारियों की जेल यात्रा से रहा है वहां उद्घाटन के बाद संबोधन करते हुए ममता ने कहा कि यहां सभी स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृतियों और उनसे जुड़ी चीजों को जस का तस रखा गया है। किसी तरह से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है लेकिन आज राजनीतिक लाभ के लिए भारत के इतिहास और भूगोल को बदलने की कोशिश हो रही है।
अलीपुर संग्रहालय के बारे में उन्होंने कहा कि क्रांतिकारियों की सारी जानकारी यहां सुरक्षित रखी गई है। किसी भी जानकारी के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है। मुख्यमंत्री ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों के बलिदान को भी याद किया।
बनर्जी ने कहा कि हम विधानसभा में भी इतिहास को सहेज कर रख रहे हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सभी दस्तावेज पहले ही डिजिटल हो चुके हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंच से कई देशभक्ति के गीत भी गाए। उन्होंने कहा कि अगर बंगाल नहीं होता, तो पुनर्जागरण नहीं होता। कोई स्वतंत्रता आंदोलन नहीं होता। कोई सामाजिक सुधार नहीं होता। इस संग्रहालय के निर्माण से पहले सुधारगृह को बारुईपुर स्थानांतरित कर दिया गया था। यह संग्रहालय सभी धरोहरों को सुरक्षित रखते हुए बनाया गया है। अगर बंगाल नहीं होता तो आजादी नहीं मिलती। बंगाल से क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया है। एक के बाद एक क्रांतिकारियों ने इस जेल की कोठरी में अपना पूरा जीवन बिताया। इस जेल के अंदर कई लोगों को फांसी दी गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की योजना अलीपुर संग्रहालय को विश्व धरोहर के रूप में पेश करने की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस संग्रहालय में फूड कोर्ट, कॉफी हाउस से लेकर सब कुछ है। देश के इतिहास और स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास के बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या हमें उनका सम्मान नहीं करना चाहिए जिन्होंने देश को इतना कुछ दिया है? नेताओं के परस्पर विरोधी आदर्श हो सकते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि नेता वही है जो सबका नेतृत्व करता है। सभी धर्मों का पालन करें। सबका सम्मान करें।