भदोही- 16 जुलाई। संस्कृति निदेशालय उत्तर प्रदेश मल्लिका-ए-गज़ल बेगम अख्तर की स्मृति में दादरा, ठुमरी और गजल विधाओं में प्रतिभावान गायकों को बेगम अख्तर पुरस्कार से हर वर्ष सम्मानित करता है। इसके लिए कलाकारों की आयु 40 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
संस्कृति निदेशालय उत्तर प्रदेश के निदेशक शिशिर ने प्रदेश के जिलाधिकारियों को जारी पत्र में बताया है कि इस पुरस्कार के तहत चयनित कलाकार को पांच लाख रुपये की धनराशि, अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र भेंट स्वरूप प्रदान किया जाता है।जिलाधिकारी ने अवगत कराया है कि आवेदन का प्रारूप जिला सूचना कार्यालय से किसी भी कार्यालय दिवस में प्राप्त किया जा सकता है तथा कार्यालय में आवेदन पत्र भरकर जमा करने की अन्तिम तिथि 20 जुलाई तक निर्धारित प्रारूप पर भर कर जमा किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने आर्यका अखौरी ने बताया कि यह पुरस्कार “बेगम अख्तर पुरस्कार“ के नाम से जाना जायेगा। प्रतिवर्ष दादरा, ठुमरी एवं गजल के क्षेत्र में विशेष प्रतिभावान विशिष्ट गायक को, जिसने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उत्कृष्ट आयाम स्थापित किये हों तथा राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया हो, को सम्मानित किया जाता है। बेगम अख्तर पुरस्कार प्रत्येक वर्ष सामान्यतः एक सुयोग्य गायक कलाकार को दिया जायेगा, किन्तु योग्यता के आधार पर संख्या बढ़ायी जा सकती है।
बेगम अख्तर पुरस्कार के लिए आवेदक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी अथवा उसकी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश होना चाहिए। कलाकार की आयु 40 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। कलाकार को अपनी प्रतिभा की दीर्घ साधना एवं श्रेष्ठ उपलब्धि के भरसक निर्विवाद मानदण्डों के आधार पर राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त होनी चाहिए। यह पुरस्कार कलाकार के गायन के क्षेत्र में सम्पूर्ण उपलब्धियों के आधार पर प्रदान किया जायेगा, न कि किसी एक विशिष्ट संरचना के लिए।