कोटा- 04 मई। मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व बाघिन एमटी-4 की मौत से इस टाइगर प्रोजेक्ट को करारा झटका लगा है। कुछ दिन पहले इस टाइगर रिजर्व में रणथम्बौर अभयारण्य से एक बाघ और एक बाघिन को शिफ्ट किया गया था। उसके बाद बाघिन बीमार हो गई। इलाज के लिये उसे गुरुवार सुबह 9 बजे ट्रेंकुलाइज किया गया लेकिन स्वस्थ होने की बजाय दोपहर 1ः15 बजे उसकी मौत हो गई। मौत के कारणों की अभी जांच की जा रही है।
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर सीसीएफ एसपी सिंह ने बताया कि बाघिन एमटी-4 के मलाशय के बाहर निकलने या कोई गांठ होने की जानकारी मिली है। उसे पेट में अपच की शिकायत थी। पेट में गांठ होने या गर्भवती होने का अनुमान लगाया जा रहा था। उसके लिये एक्सरे मशीन भी लगाई गई थी। रणथम्बौर रिजर्व के चिकित्सक डॉ. राजीव गर्ग और मुकुंदरा रिजर्व के चिकित्सक डॉ. तेजेंद्र रियाड उसका उपचार कर रहे थे। इलाज के दौरान 1 मई को उसके मलाशय में पत्थर जैसे सूखे मल के टुकडे़ निकले थे जिन्हें जांच के लिये भेजा गया था। उसकी रक्त जांच का नमूना लेकर एनीमा भी दिया गया। फिलहाल वन विभाग के अधिकारियों ने बाघिन की आकस्मिक मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा नहीं किया है।
हाडौती अंचल के वन्यजीव प्रेमियों ने मुकुंदरा हिल्स रिजर्व में दूसरे टाइगर की मौत पर गहरा अफसोस जताते हुये कहा कि इस टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षित देखभाल नहीं होने से यहां बाघों की संख्या आगे नहीं बढ़ पा रही है। जिससे यह दरा के विशाल जंगल में फैला यह टाइगर रिजर्व पर्यटन की दृष्टि से विकसित नहीं हो पा रहा है।