मधुबनी- 08 अक्टुबर। पंचायती राज विभाग,स्वास्थ्य विभाग एवं सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज संस्था (3) के संयुक्त तत्वाधान में शनिवार को कोविड केयर सेंटर रामपट्टी में जिला के रहिका,राजनगर एवं पंडौल प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायत के 66 मुखिया का एक दिवसीय अभिमुखीकरण का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने सभी मुखिया लोक निर्माण के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं सामाजिक मुद्दों पर भी अभिरुचि बढ़ाने की बात कही, ताकि इससे जुड़े मुद्दों में बेहतरी लाते हुए सतत विकास लक्ष्यों को पूरा किया जा सके। तथा परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ करने के साथ-साथ कोविड टीकाकरण के बूस्टर डोज को बढ़ाने की अपील की।
जिला पंचायती राज पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि मुखिया स्वास्थ्य एवं सामाजिक मुद्दों पर अभिरूचि लेते रहे हैं। आज मुखियाओं को प्रशिक्षण मिल जाने से उन्हे मिशन परिवार विकास योजना के साथ-साथ स्वास्थ्य स्तरीय कार्य में काफी मदद मिलेगी। तथा अपने पंचायतों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में और बेहतर कार्य कर सकेंगे।

वहीं अभिमुखीकरण में मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका में सेंटर फॉर कैटलाईजिंग चेंज के राज्य कार्यालय से आए आकाश कुमार सिंह उपस्थित मुखियाओं को पंचायती राज व्यवस्था की संरचना एवं निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका को बताया। प्रशिक्षण के दौरान 73 वीं संविधान संशोधन,लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण और ग्रामीण स्वच्छता समिति को सशक्त बनाने की जरूरत,महिलाओं के जीवन चक्र में आने वाली विभिन्न स्वास्थ्य एवं सामाजिक समस्याएं। तथा उनका निदान,स्वास्थ्य सेवा प्रणाली वितरण और प्रत्येक चरणों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवा गारंटी को समझना,परिवार नियोजन पर समझ,ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण के पर जानकारी इत्यादि विषयों पर चर्चा की गई। अभिमुखीकरण कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए आयोजकों द्वारा कई खेल एवं गतिविधियों का भी आयोजन किया गया। मौके पर यूनिसेफ एस.एम.सी. प्रमोद कुमार झा,संतोष कुमार चौरसिया,स्माहतुल्लाह उर्फ गुलाब, सी-3 के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर रघुनाथ प्रसाद कुशवाहा,मुखिया मो. सनाउल्लाह,मुखिया मिथिलेश झा,मुखिया इकरामुल होदा,मुखिया जाहिदा खातुन,राम उदगार महतो,संजय कुमार महतो,मिथिलेश कुमार चौपाल आदि उपस्थित थे।
परिवार नियोजन पर दी जाती है प्रोत्साहन राशि-
वहीं सिविल सर्जन ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में पुरुष नसबंदी का लाभ उठाने पर लाभार्थी को तीन हजार एवं उत्प्रेरक को चार सौ रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को दो हजार एवं उत्प्रेरक को तीन सौ, प्रसव उपरांत बंध्याकरण पर लाभार्थी को तीन हजार एवं उत्प्रेरक को चार सौ,प्रसव उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को तीन सौ एवं उत्प्रेरक को 150 रूपये,गर्भपात उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को तीन सौ एवं उत्प्रेरक को 150 रूपये,गर्भनिरोधक सूई (अंतरा) का लाभ उठाने पर लाभार्थी को 100 रूपये एवं उत्प्रेरक को 100 रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
प्रसव काल में चार बार नियमित जांच कराएं-
सी थ्री के राज्य कार्यालय से आए आकाश कुमार सिंह ने कहा कि हम महिलाएं अपने पूरे परिवार के खाना खा लेने के बाद खाना खाती हैं, जिसमें हमारे ही थाली से हमारे द्वारा तैयार किए गए भोजन का कुछ आइटम कम होता है। यह बिल्कुल गलत है। यह हमारे अपने आप के ऊपर किया गया नाइंसाफी है। तथा यही आदत हम अपनी बेटियों में भी डालते चले जाते हैं। यह नहीं होना चाहिए। यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा ने पोषण के साथ साथ प्रसव काल में सुरक्षित प्रसव के लिए लोगों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि जैसे ही आपको पता चलता है कि आपका गर्भधारण हो गया है, सबसे पहले अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र पर अपना पंजीकरण करायें। प्रसव काल के दौरान चार बार नियमित जांच कराएं। स्वास्थ्य केंद्र से दिए गए 180 आयरन की गोलियां खाएं और संस्थागत प्रसव के लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ही अपने बच्चे का जन्म करायें। इन सभी प्रक्रिया के साथ साथ प्रसव के दौरान अपने लिए जरूरी खर्च के लिए एक प्रसव गुल्लक का इंतजाम भी करके रखें। ताकि समय व जरूरत के अनुसार उसे खर्च किया जा सके। प्रसव संबंधी जांच के लिए सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर फ्री जॉच की व्यवस्था है।
पंचरंगा भोजन का है विशेष महत्व-
सीथ्री के राम उदगार महतो ने बताया कि प्रसव काल में महिलाओं में स्वाभाविक रूप से दो तरह की परेशानियां आम तौर पर होती हैं। यह ज्यादातर महिलाओं मे देखने को मिलती है। पहला,कब्ज की शिकायत और दूसरा, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव,जो समय के साथ स्वयं ही समाप्त हो जाता है। इससे बचने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन फायदेमंद होता है। वैसे भी हमारे रोज के भोजन मे पंचरंगा भोजन का अलग ही महत्व है,जो प्रतिदिन अलग-अलग रंगों का भोजन होता है।
