मणिपुर कैबिनेट ने बढाया राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा

इंफाल- 09 सितंबर। मणिपुर सरकार ने आज मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक की।

बैठक में कम से कम 30 विभिन्न एजेंडों पर चर्चा हुई और कैबिनेट ने उनमें से अधिकांश को मंजूरी दे दी।

बैठक के बाद कैबिनेट के फैसले के बारे में मीडिया को संबोधित करते हुए सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ सपम रंजन सिंह ने कहा कि कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें लगभग 30 एजेंडों पर चर्चा हुई, जिनमें से अधिकांश पर चर्चा हुई।

उन्होंने बताया कि बैठक में स्वीकृत कुछ एजेंडे में मौजूदा संकट के विस्थापित पीड़ितों के लिए स्थायी घरों का निर्माण शामिल था।

स्थायी आवास योजना के तहत राज्य के हर प्रभावित जिले में नष्ट हुए या जले हुए 4806 घरों का निर्माण किया जाएगा। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 4806 को तोड़ दिया गया या जला दिया गया।

प्रारंभिक चरण के लिए, उस स्थान पर 1000 से अधिक घरों का निर्माण किया जाएगा जहां सामान्य स्थिति बहाल हो गई है। घरों का निर्माण कुल 75 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पक्के मकान के लिए 10 लाख रुपये, आधे पक्के मकान के लिए 7 लाख रुपये और कच्चे मकान के लिए 5 लाख रुपये देगी।

उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने 19 पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्थानों को छोड़कर मणिपुर में अगले छह महीने के लिए “अशांत क्षेत्र” की यथास्थिति बनाए रखने को मंजूरी दे दी है।

गंभीर चोट, मामूली चोट और घर जलने पर अनुग्रह राशि, वित्तीय सहायता और राहत पैकेज प्रदान करने पर भी गहन चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि शारीरिक उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के लिए मणिपुर राज्य मुआवजा योजना को भी मंजूरी दी गई।

उन्होंने यह भी कहा कि कैबिनेट ने चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की स्थापना का भी संकल्प लिया है। मणिपुर लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्रोफेसर की भर्ती को भी मंजूरी दी गई।

कैबिनेट ने विजिलेंस में 2021 में हुई पशु चिकित्सा एवं पशुपालन ग्रेड 3 और 4 की भर्ती की जांच की भी मंजूरी दे दी। आशंका है कि इस भर्ती के दौरान कुछ गड़बड़ियां हुई थी।

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Author: lakshyatak

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