इस्लामाबाद- 31 जुलाई। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण में गए हैं। इस बार उन्होंने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।
इमरान खान पर प्रधानमंत्री रहते हुए मिले उपहारों को तोशाखाना में जमा करने के स्थान पर उन्हें बेच कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है। इस मामले में जिला व सत्र अदालत की ओर से आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करते हुए इमरान खान ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का दो बार दरवाजा खटखटाने के बावजूद इमरान को सरकारी उपहारों के बारे में विवरण छिपाने से संबंधित मामले में राहत नहीं मिली। अब शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में इमरान ने धारा 342 के तहत बयान दर्ज करने पर रोक लगाने की अपील की है। याचिका में कहा गया है कि जिला व सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर के समक्ष चल रहे मुकदमे को तब तक के लिए रोक दिया जाना चाहिए जब तक कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय इस मामले पर अपना अंतिम फैसला नहीं सुना देता।
याचिका में कहा गया है कि मुकदमे को आगे बढ़ाने से पहले अदालत के अधिकार क्षेत्र पर निर्णय आवश्यक था। बैरिस्टर गौहर अली खान के नेतृत्व वाली इमरान खान की कानूनी टीम ने खान की ओर से शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका दायर की है। शीर्ष अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली ।
