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बिहार के सरकारी अस्पतालों में भर्ती नवजात शिशु के परिजन को भी अब मिलेगा भोजन, मधुबनी में सदर अस्पताल के निरीक्षण के दौरान बोले अपर मुख्य सचिव, कहा- मरीजों को दवाईयां बाहर से खरीदनी पड़ी, तो होगी कार्रवाई

मधुबनी- 11 जनवरी। आगामी 15 अगस्त तक मॉडल अस्पताल में काम शुरू हो जायेगा। वहीं यहां का सदर अस्पताल राज्य में खास होगा यह काम भी एक माह में पूरा हो जायेगा । बुधवार को सदर अस्पताल मधुबनी के निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अब एसएनसीयू वार्ड में भर्ती नवजात शिशुओं के परिजनों को भी दीदी की रसोई के माध्यम से भोजन दी जाएगी। मधुबनी के साथ ही पूरे बिहार में ये नियम लागू होगा। उनके साथ ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामूरगन डी भी मौजूद थे। वे दीदी की रसोई का भी निरीक्षण किया। कहा कि सदर अस्पताल के लेबर रूम में मेडिकल किट का माॅडल पूरे राज्य में लागू किया जाएगा, ताकि सिजेरियन या नार्मल प्रसव करवाने पहुंची महिलाओं को बाहर से दवा नहीं खरीदना पड़े। यह अधीक्षक व सिविल सर्जन सुनिश्चित करेंगे। अगर मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ेगी, तो जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी। एसीएस ने एसएनसीयू में जो मरीज रेफर हुए नवजात शिशु के परिजनों से बातचीत भी की व फीडबैक लिया। निरीक्षण के क्रम में एसीएस से शिशु रोग विशेषज्ञ डा. डीके झा ने अनुरोध किया कि 4 सीपैप मशीन उपलब्ध करवा दिया जाय, तो 50 प्रतिशत तक रेफर नवजात की संख्या कम कर दी जाएगी। जिसपर एसीएस ने संसाधन उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया। एसीएस ने इस दौरान इमर्जेंसी,महिला वार्ड,लेबर रूम,ओपीडी भवन का भी औचक निरीक्षण किया। मौके पर राज्यसभा सांसद डा. फैयाज अहमद,निदेशक प्रमुख डा. सुनील कुमार झा,राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, नजमुल होदा,सिविल सर्जन डा. ऋषिकांत पांडेय,एसीएमओ डा. आरके सिंह,एनसीडीओ डा. एसपी सिंह,डा. जीएम ठाकुर,आरपीएम,डीपीएम, प्रभारी अधीक्षक डा. राजीव रंजन,डा. कुणाल कौशल व अन्य थे।

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Author: lakshyatak

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