नई दिल्ली- 15 जनवरी। आजादी के 60-70 साल तक अधिकांश गांव के लोगों ने बिजली नहीं देखी थी। आज नौ साल में हालात बदल गए हैं। इस दौरान बिजली उत्पादन में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। तीन करोड़ नए उपभोक्ता बढ़े। अब गांवों में 22 घंटे बिजली मिल रही है, शहरों में यह स्थिति 24 घंटे रह रही है। केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह आंकड़ा दिया।
आरके सिंह ने कहा कि इन वर्षों में ट्रांसमिशन और वितरण के बीच नुकसान का आंकड़ा महज 15 प्रतिशत रह गया है। इसे और नीचे 12.5 प्रतिशत तक लाने का प्रयास किया जा रहा है। आरके सिंह ने कहा कि बिजली की व्यवस्था इस कदर दुरुस्त हो चुकी है कि इसके शेयर के दाम भी ऊंचे भाग रहे हैं। निवेशकों के लिए भी यहां भी काफी उम्मीदें हैं।
मंत्री ने बताया कि 16. 93 लाख करोड़ का बिजली में निवेश हुआ है और 17. 05 लाख करोड़ रुपये का निवेश पाइप लाइन में हैं। यह वजह है, बिजली के क्षेत्र में अमेरिका और यूरोप के देशों में हमारी स्थिति बेहतर हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मोदी सरकार के तहत बिजली क्षेत्र में किए गए सुधारों की वजह से संभव हुआ है।