पटना- 22 जून। 23 जून को पटना में होने जा रही विपक्षी दलों की महाबैठक के संबंध में राज्य सभा के वरिष्ठ सदस्य एवं बिहार जदयू के पूर्व अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि परिवर्तन की भूमि कहा जाने वाला बिहार न जाने कितनी राजनीतिक, वैचारिक और आध्यात्मिक उपलब्धियों का साक्षी रहा है और यह एक बार फिर एक बड़ी राजनीतिक क्रांति का सूत्रपात करने जा रहा है पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक के जरिए।
बशिष्ठ नारायण सिंह ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि विपक्ष के बड़े और प्रभावशाली नेताओं का पटना में एक साथ उद्देश्यपूर्ण जुटान अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि और बिहार के लिए गौरव की बात है और इसका एकमात्र श्रेय नीतीश कुमार को जाता है। यह नीतीश कुमार की विश्वसनीयता और उनके समावेशी व्यक्तित्व का भी परिचायक है। इसके लिए उन्हें जितनी बधाई और साधुवाद दूं, वह कम है।
उन्होंने कहा यह चुनावी सत्य है कि भारत की बहुसंख्यक लगभग 63 पर्सेंट आबादी मोदी सरकार के विरोध में है और यह आबादी किसी मजबूत विकल्प के लिए व्याकुल है। दूसरी बात नरेन्द्र मोदी के झूठे चुनावी वादे और आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक मोर्चे पर सरकार की ऐतिहासिक विफलता से लोग त्रस्त हैं। ऊपर से देश में संविधान और संघीय मूल्यों की जिस तरह धज्जियां उड़ाई जा रही उससे पूरा देश आंदोलित और क्षुब्ध है। देश की आम जनता को इस दुरवस्था से मुक्ति दिलाने और लोगों को एक मजबूत प्रगतिशील विकल्प देने का जो बीड़ा नीतीश कुमार ने उठाया है, वह इतिहास में लिखा जाएगा।
सिंह ने यह भी कहा कि भाजपा नीतीश कुमार के व्यक्तित्व और उनके रणनीतिक कौशल से भली-भांति अवगत है और वह जानती है कि नीतीश कुमार धुन के पक्के हैं। ऐसे में भाजपा खेमे में बढ़ रही खलबली और बेचैनी को आसानी से समझा जा सकता है।