कोलकाता- 15 जून। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के भांगड़ इलाके में गुरुवार को पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के दो कार्यकर्ता घायल हुए हैं। हत्या का आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगा है। यह भी आरोप है कि घटनास्थल पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
विजयगंज बाजार के कटहलिया मोड़ पर गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस और आईएसएफ के कार्यकर्ता सैकड़ों की संख्या में एकत्रित हो गए थे। धारा 144 लागू होने के बावजूद इन्होंने एक दूसरे पर जमकर बमबारी किए। अनगिनत बम फेंके गए। लगातार एक घंटे तक बमबारी होती रही। इसके बाद फायरिंग की आवाज आई और जब सब कुछ शांत हुआ तो पता चला कि गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
इतना ही नहीं स्थानीय बाजार में आग भी लगा दी गई। इन तमाम घटनाओं के बीच पुलिस मौजूद रही लेकिन हालात को संभाल नहीं पाई। भांगड़ दो नंबर बीडीओ ऑफिस के पास हुई इस घटना में एक बार फिर पुलिस की निष्क्रियता उजागर हुई है। खास बात यह है कि दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता जहां भी इकट्ठा हो रहे हैं, हाथों में लाठी-डंडे लेकर जुट रहे हैं जिसकी वजह से और सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोप है कि तृणमूल कार्यकर्ता कोर्ट के बार-बार निर्देश के बावजूद विपक्ष के उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल नहीं करने दे रहे। इस पूरे क्षेत्र में हिंसा को हवा देने के आरोप तृणमूल नेता अराबुल इस्लाम पर है। आज की वारदात में जिस युवक की हत्या हुई है फिलहाल उसकी पहचान उजागर नहीं हो पाई है।