काठमांडू- 20 नवंबर। नेपाल के तराई मधेश के जिलों के साथ काठमांडू, पोखरा, हेटौडा, चितवन सहित सभी प्रमुख शहरों में सूर्य उपासना का महापर्व छठ धूमधाम से मनाया गया। अन्य वर्षों की भांति छठ घाटों पर राष्ट्रपति के पहुंचने और सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा बरकरार रही। राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल पशुपतिनाथ मंदिर के पीछे बागमती नदी के किनारे बने छठ घाट पर अर्घ्य देने पहुंचे। कई अन्य राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता भी छठ घाट पर पहुंचते रहे हैं।
पहले यह पर्व भारत से सटे जिलों में मनाया जाता था लेकिन पिछले कुछ वर्षों से काठमांडू और पोखरा जैसे शहरों में भी काफी भव्य तरीके से मनाया जाता है। छठ पर्व पर राष्ट्रीय अवकाश रहता है। अधिकांश स्कूल-कॉलेज हालांकि दशहरा से छठ पर्व तक बन्द रहते हैं। लेकिन सरकारी दफ्तरों और बैंकों में दीपावली से छठ तक छुट्टी रहती है। मधेश प्रदेश और लुम्बिनी प्रदेश में छठ के लिए दो दिनों का अलग से अवकाश दिया जाता है।
नेपाल में छठ घाटों की सजावट भव्य तरीके से की जाती है। सिर्फ मधेशी और थारू समुदाय ही नहीं, पहाड़ी व जनजाति समुदाय के लोग भी श्रद्धा और निष्ठा से छठ पर्व मनाते हैं।
काठमांडू में करीब 13 प्रमुख स्थानों पर छठ घाट बनाया जाता है। इसके अलावा बीरगंज, जनकपुर, विराटनगर, भैरहवा, नेपालगंज, हेटौडा, चितवन में भी छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जाता है। हर जगह पर स्थानीय सरकारी निकायों की तरफ से छठ घाट बनाने से लेकर साज-सज्जा और श्रद्धालुओं के लिए अन्य व्यवस्था की जाती है।