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देश-दुनिया को रिझाएगी विंध्य कॉरिडोर की स्वर्णिम आभा, चैत्र नवरात्र 2024 होगा खास

मीरजापुर- 09 अप्रैल। किसी की आस्था को ठेस न पहुंचे और श्रद्धालु श्रद्धा के साथ मां विंध्यवासिनी का दर्शन कर गंतव्य पर जाएं, इसी मंशा के साथ इस बार चैत्र नवरात्र में जगविख्यात विंध्याचल धाम में श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई है। इससे विश्व फलक पर आस्था के सम्मान के साथ पुलिस-प्रशासन की एक अलग छवि बनेगी। इस बार देश-दुनिया को अद्भुत विंध्य कॉरिडोर को निहारने के साथ काफी कुछ नया देखने का मौका मिलेगा।

वैसे वर्ष 2024 धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से काफी खास है। अयोध्या में भव्य-नव्य प्रभु श्रीराम मंदिर के बाद अब चैत्र नवरात्र में आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी धाम के दिव्य स्वरूप को देश-दुनिया के श्रद्धालु मन में उतारने को आतुर हैं। लंबे इंतजार के बाद अलौकिक और अविस्मरणीय विंध्य काॅरिडोर भी निखर उठा है। गुलाबी पत्थरों से सुशोभित विंध्य कॉरिडोर की स्वर्णिम आभा देश-दुनिया को रिझाएगा ही, मंदिर के चारों तरफ बना दो मंजिला आस्था का गलियारा मां विंध्यवासिनी की महिमा का अहसास कराएगा।

सुंदर आकृतियां मोह लेंगी श्रद्धालुओं का मन—

शक्ति-भक्ति लबरेज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर आस्था की डगर पर श्रद्धालुओं की राह आसान बनाएगा ही, धार्मिक पर्यटन की संकल्पना भी साकार करेगा। ऊंचे-ऊंचे मकान-भवन से घिरे मंदिर, तंग गलियां, कंकरीट मार्ग नहीं अब भव्य प्रवेश द्वार श्रद्धालुओं का स्वागत करेंगे। पग-पग पर बनी सुंदर आकृतियां तो श्रद्धालुओं का मन मोह लेंगी।

रिकार्ड संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान–

कोतवाली रोड,पक्का घाट रोड, पुरानी वीआईपी रोड, न्यू वीआईपी रोड समेत विंध्यवासिनी मंदिर तक जाने वाले समस्त मार्ग श्रद्धालुओं की राह आसान बनाएंगे। विंध्य कॉरिडोर का निर्माण होने से इस बार चैत्र नवरात्र पर रिकार्ड संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है। पिछले वर्ष नवरात्र में आस्था का सागर इस कदर उमड़ा था कि विंध्यवासिनी मंदिर के सभी मार्ग श्रद्धालुओं से पट गए थे। रिकार्ड भीड़ उमड़ने की दृष्टि से प्रशासन भी सक्रिय है और सोमवार रात तक तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।

हर स्तर पर श्रद्धालुओं के लिए इंतजाम—

दर्शनार्थियाें की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्था दुरुस्त कर लिए गए हैं। घाटों से लेकर मंदिर तक,सड़क से लेकर वाहन स्टैंड तक, उधर विंध्य पर्वत पर विराजमान मां अष्टभुजा और मां काली मंदिर तक व्यवस्था चाक-चौबंद कर ली गई है। दुकानदारों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। प्रवेश और निकास की व्यवस्था वन-वे की तर्ज पर की गई है, ताकि एक तरफ से श्रद्धालु आएं तो दूसरी तरफ से निकल जाएं। इससे भीड़ का दबाव कम होगा ही, श्रद्धालुओं को भी सहूलियत होगी।

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Author: lakshyatak

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