नई दिल्ली- 05 अक्टूबर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आर्थिक वृद्धि और देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नीतियों के स्तर पर निरंतरता, राजनीतिक स्थिरता तथा निर्णायक नेतृत्व जरूरी है।
सीतारमण ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) के वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि नीतियों में तुरंत-तुरंत बदलाव भी आर्थिक प्रदर्शन को प्रभावित करता है। हम यह पहले देख चुके हैं, जब भारत दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया था।
वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत 2014 में दुनिया की 10वीं अर्थव्यवस्था था, जो आज पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। सीतारमण ने नरेन्द्र मोदी सरकार की नीतियों के प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 23 साल के दौरान 919 अरब डॉलर का कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। इसमें से करीब 65 फीसदी यानी 595.25 अरब डॉलर का एफडीआई पिछले नौ साल के दौरान आया है।
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