वाराणसी- 22 सितम्बर। दुष्कर्म और ब्लैकमेल सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे में दोषी करार इटावा के चर्चित मौलाना जरजिस को वाराणसी (UP) की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को 10 साल की सजा सुनाई है। मौलाना ने वाराणसी की एक युवती को निकाह का झांसा देकर होटल में और उसके घर जाकर दुष्कर्म किया था। न्यायालय ने मौलाना पर दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को मौलाना को दोषी पाते हुए जेल भेजा था।
जैतपुरा की युवती ने मौलाना के खिलाफ 2015 में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता के अनुसार मुस्लिम समुदाय में धार्मिक तकरीर करने वाले मौलाना जरजिस को वह 2013 से जानती थी। मौलाना से पहली बार वाराणसी के गोलगड्डा पर मुलाकात हुई थी। मुलाकात के बाद मौलाना ने निकाह का झांसा देकर उसके साथ कई बार बलात्कार किया था। मौलाना ने छावनी क्षेत्र स्थित होटल में दो बार और एक बार मुगलसराय के होटल में दुष्कर्म कर इसका अश्लील वीडियो भी बना लिया था। 19 नवंबर 2015 को मौलाना जरजिस ने उसके घर आकर दुष्कर्म किया। विरोध करने पर समाज में बदनाम करने के साथ ही जान से मारने की धमकी दी। काफी मनाने के बाद भी मौलाना ने उसके साथ निकाह नहीं किया तो वाराणसी के एसएसपी के यहां प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। एसएसपी के निर्देश पर जैतपुरा थाने में मौलाना जरजिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल होने के बाद पीड़िता व 4 गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मौलाना जरजिस को बुधवार को दोषी करार देकर आज दस साल कैद की सजा सुनाई । खास बात यह रही अदालत में अपने इस कृत्य पर मौलाना को पछतावा नहीं हुआ, बल्कि हंसते हुए उसने कहा कि फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे।
