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थोड़ी देर रुको राम तमन्ना यही है: आचार्य श्री सुदर्शन जी महाराज

पटना- 24 अप्रैल। राम कथा का भव्य मंदिर प्यार और संस्कार के गीतों से ही जगमगाता है राम केवल अवतार नहीं है बल्कि हमारी आस्था विश्वास विचार और संस्कार के प्रतीक राम जननायक हैं और उनके जीवन में चरित्र संस्कार और संघर्ष के बीच में अगर आपको राम जैसा पुत्र चाहिए तो आपको कौशल्या जैसी मां और दशरथ जैसा पिता बनना पड़ेगा संगीतमय श्री राम कथा के द्वारा हम समाज में सच्चाई और अच्छाई का अमृत बांटना चाहते हैं रामायण घर-घर की कहानी है और मानव जीवन का महाकाव्य है आज हमारे जीवन में जो तनाव और बिखराव आया है उसका मुख्य कारण मानवीय संवेदना का अभाव और पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव। यह सारी प्रेरक बातें अचार्य श्री सुदर्शन जी महाराज ने मुंगेर की ऐतिहासिक भूमि पर टाउन हॉल परिसर में कही आचार्य श्री का स्वागत अभिनंदन चादर माला और पटका द्वारा किया गया। दीप प्रज्वलित श्री अमर सिंह संस्थापक शिव धाम पीठ एवं विशिष्ट अतिथि श्री अनूप सिंह द्वारा किया गया कथा का पहला दिन था कथा का आयोजन सनातन सेवा समिति के द्वारा किया गया है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संरक्षक श्री सतीश चंद्र संयोजक श्री मुकेश कुमार कार्यक्रम प्रभारी संतोष कुमार सिंह सचिव सुजीत कुमार अध्यक्ष श्री कृष्णा अग्रवाल ने मुख्य कार्य किया ।

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Author: lakshyatak

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