जमीअत उलमा-ए-हिंद ने दंगा प्रभावितों के बीच राशन वितरित किया

नई दिल्ली/गुरुग्राम- 29 अगस्त। जमीअत उलमा-हिंद ने नूंह दंगों के दौरान पड़ोस के सोहना शहर में हुई हिंसा के प्रभावित परिवारों को डेढ़ सौ राशन किट वितरित किए। इसके साथ ही मस्जिदों के लिए चटाइयां, पवित्र कुरान की प्रतियां और पायदान आदि उपलब्ध कराए। इस अवसर पर वहां मौजूद जमीअत के प्रतिनिधिमंडल ने लोगों से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील की।

ज्ञात हो कि नूंह दंगों में 14 मस्जिदों पर हमले हुए थे, जिनमें से अधिकतर में मुसल्ले (नमाज पढ़ने की चटाई), कुरान-ए-पाक की प्रतियां और बिजली के उपकरणों को आग लगा दी गई थी। कुछ मस्जिदों के ढांचों को भी क्षति पहुंचाई गई थी। जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के संरक्षण में दस मस्जिदों की मरम्मत का काम जारी है, जिनमें से सोहना की लक्कड़ शाह वाली मस्जिद पुनर्निर्माण के बाद फिर से बहाल की जा चुकी है।

आज सोहना में जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के कर कमलों से सोहना के लगभग 150 परिवारों के बीच 25 किलो पर आधारित एक महीने का राशन वितरित किया गया। मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने अपने संबोधन में लोगों पर संयम और धैर्य रखने पर जोर दिया और कहा कि जमीअत उलमा बिना किसी धार्मिक भेदभाव के हर धर्म के प्रताड़ित लोगों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत के सभी नागरिक इसी मिट्टी का हिस्सा हैं और यही हम सब में समानता है। इसलिए सभी को जोड़ना और आपसी सहिष्णुता को बढ़ावा देना जमीअत उलमा का निरंतर प्रयास रहा है।

इस अवसर पर जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल में जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव के अलावा मौलाना गय्यूर अहमद कासमी, मौलाना ज़ियाउल्लाह कासमी, मौलाना मोअज्ज़म आरिफी कासमी और जमीअत उलमा दिल्ली से मौलाना अखलाक कासमी सचिव जमीअत उलमा उत्तर-पूर्वी दिल्ली, मुफ्ती आरिफ सचिव जमीअत उलमा मुस्तफाबाद, मुफ्ती मोहम्मद मोहसिन उपाध्यक्ष जमीअत उलमा न्यू मुस्तफाबाद, अमजद करीमी सचिव न्यू मुस्तफाबाद और मौलाना मोहम्मद आमिर रशादी मौजूद थे। स्थानीय जमीअत उलमा से मौलाना मोहम्मद यहया करीमी महासचिव जमीअत संयुक्त पंजाब, मुफ्ती सलीम साकरस, मास्टर कासिम महूं, कारी मोहम्मद असलम बडीडवी, मौलाना नासिर हुसैन जकरिया इटावरी, मौलाना साबिर मज़ाहिरी, हाफिज़ यामीन और इमाम लक्कड़शाह मस्जिद मौलाना ताहिर, इमाम मौलाना जमील वाली मस्जिद मौलाना सुफियान, इमाम बाराखंभे वाली मस्जिद मौलाना कलीम काशिफी भी मौजूद रहे।

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Author: lakshyatak

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