काठमांडू- 29 जुलाई। नेपाल के किसानों को खरीफ की फसल में खाद संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। नेपाल सरकार ने चीन की जगह भारत से खाद आयात कर किसानों को उपलब्ध कराने का फैसला किया है। भारत से खाद आपूर्ति संबंधी कानूनी बाधाओं को नेपाल सरकार ने दूर कर दिया है।
नेपाल में खरीफ की फसल के लिए किसानों को खाद की जरूरत है किन्तु वहां खाद नहीं मिल रही है। नेपाल की ओर से चीन से खाद आयात के प्रयास हो रहे थे, किन्तु अब इन प्रयासों पर विराम लग गया है। नेपाल सरकार ने अब चीन की जगह भारत से खाद आयात करने का निर्णय लिया है। भारत से खाद आपूर्ति संबंधी कानूनी बाधाओं को नेपाल सरकार ने दूर कर दिया है।
नेपाल सरकार ने तत्काल आवश्यक फसल पोषक तत्वों के शीघ्र परिवहन की सुविधा के लिए कानूनी बाधाओं को दूर कर दिया है, जिससे नेपाल की कृषि इनपुट कंपनी को नई दिल्ली द्वारा नामित भारतीय आपूर्तिकर्ता को पूर्ण अग्रिम भुगतान करने की अनुमति मिलती है। नेपाल मंत्रिमंडल ने राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी को भारत सरकार द्वारा जारी किए गए गुणवत्ता के प्रमाण पत्र और अन्य कागजी कार्रवाई को स्वीकार करने की अनुमति दी है, जहां पर भारत से पहुंचने वाली खाद उतारी जाएगी।
नेपाल के कृषि मंत्री महेंद्र राय यादव ने बीते माह दिल्ली में भारत के रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात भी की थी। इस दौरान उन्होंने नेपाल में खाद की तत्काल आवश्यकता पर चर्चा करते हुए जल्द इसकी आपूर्ति का अनुरोध किया था। भारत की ओर से भी उन्हें जल्द खाद आपूर्ति का आश्वासन मिल गया था।
नेपाल कृषि मंत्रालय के प्रवक्ता प्रकाश कुमार संजेल ने बताया कि नेपाल ने भारत के साथ 150,000 टन रासायनिक उर्वरक की आपूर्ति के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत इसी माह नेपाल के खाद संकट को कम करने के उपाय के रूप में 50 हजार टन यूरिया और 30,000 टन डीएपी खाद भेज देगा। भारत खाद की यह मात्रा अपने स्टॉक से भेजेगा।