नई दिल्ली- 17 फरवरी। दिल्ली हाई कोर्ट ने चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले के आरोपित और वीवो के मैनेजिंग डायरेक्टर हरिओम राय को स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत दे दी है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने हरिओम राय को तीन महीने की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने हरिओम राय को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और उतनी ही रकम के जमानती के आधार पर अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने हरिओम राय को अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया। कोर्ट ने बिना कोर्ट की अनुमति के देश छोड़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने हरिओम राय को निर्देश दिया कि वे अपना मोबाइल नंबर जांच अधिकारी को उपलब्ध कराएं ताकि जरूरत पड़ने पर जांच अधिकारी संपर्क कर सके। कोर्ट ने मोबाइल नंबर को हमेशा चालू रखने का निर्देश दिया। कोर्ट ने हरिओम राय को निर्देश दिया कि वो अंतरिम जमानत अवधि के दौरान गवाहों को प्रभावित करने या साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करें।
कोर्ट ने कहा कि हरिओम राय की उम्र 57 साल की है और उन्हें हार्ट की बीमारी है, जिसके लिए एंजियोग्राफी की सलाह दी गई है। कोर्ट ने कहा कि हार्ट की बीमारी की तुलना दूसरी बीमारियों से नहीं की जा सकती है और ये एक जानलेवा बीमारी है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का स्वास्थ्य मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 45 के तहत बीमार या कमजोर की श्रेणी में आता है। ऐसे में उसे जमानत दी जा सकती है।
गौरतलब है कि 18 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट हरिओम राय की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने हरिओम राय समेत चार आरोपितों को 10 अक्टूबर, 2023 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने इस मामले में 2022 में देशभर में फैले वीवो कंपनी के 48 ठिकानों पर छापा मारा था। ईडी ने वीवो कंपनी से जुड़ी 23 कंपनियों पर भी छापा मारा था।
30 दिसंबर 2023 को पटियाला हाउस कोर्ट ने वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ हांग शुकुआन ऊर्फ टेरी के अलावा सीएफओ हरिंदर दहिया और कंसल्टेंट हेमंत मुंजाल की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। इस आदेश को ईडी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।