मधुबनी-25 जुलाई। मधुबनी जिले में सोमवार से कालाजार रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा। कालाजार उन्मूलन अभियान के तहत जिले पांच प्रखंड के 6 गांव में की आशा कार्यकर्ता कालाजार मरीजों की खोज करेगी इसके लिए आशा कार्यकर्ता को सोमवार को प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही सदर अस्पताल परिसर से जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा ने प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया प्रचार रथ चिन्हित प्रखंडों के चयनित गांवों में घूम घूम कर कालाजार से बचाव की जानकारी देगा ताकि लक्षण व पहचान के आधार पर मरीजों को आसानी से पहचान सके। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए डॉ झा ने बताया कालाजार प्रभावित गांव में कालाजार रोगी की पहचान की जानी है इसके लिए आशाओं को प्रशिक्षण दिया गया है । आज से आशा कार्यकर्त्ता अपने क्षेत्र में दी गयी समयावधि में सभी घरों में कालाजार संदिग्ध मरीजों को खोजेगी एवं प्रतिदिन का रिपोर्ट अपने आशा फैसिलेटर को देगीं।
वहीं केटीस और केबीसी संदिग्ध कालाजार रोगियों का सत्यापन कर उसके जांच को सुनिश्चित करवाएगी। आशा फैसिलेटर आशा के द्वारा की जा रही कार्यों पर नजर रखेगीं। प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक घर-घर कालाजार खोज कार्यक्रम का निगरानी एवं अपने प्रखंड के कालाजार तकनीकी पर्यवेक्षक एवं जिला सामुदायिक उत्प्रेरक को ब्यौरा उपलब्ध कराएगें। आशा कालाजार के संदिग्ध मरीज को पीएचसी रेफर करेगी जहां डॉ मरीज की डाइनोटिक्स करेंगे उसके बाद आर के 39 से जांच किया जाता है इन सभी कार्यवाहियों में केयर इंडिया भी सहयोग करेगी।
इधर वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन ने बातया भारत सरकार द्वारा कालाजार उन्मूलन लक्ष्य 2023 तक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए वीएल,पीकेडीएल,एचआईवी बीएल के छुपे हुए रोगियों की घर-घर खोज जाएगी जिसके लिए उच्च प्राथमिकता वाले राजस्व ग्राम रोगियों की खोज की जानी है जिसके तहत बेनीपट्टी प्रखंड के बिरौली गांव,ग्राम की जनसंख्या 8566, बिस्फी प्रखंड के बरदाहा व औंसी बभनगामा ग्राम की जनसंख्या 3302,14186,खजौली प्रखंड के डुमरीयाही,जनसंख्या 14626,लौकही प्रखंड के डकही,जनसंख्या 3205,मधवापुर प्रखंड के पकरसामा 5510 कुल जनसंख्या 49,395 के लिए 33 आशा एवं 6 आशा फैसिलेटर को लगाया गया है।
कालाजार मरीजों के मिलता है प्रोत्साहन राशि–
कालाजार मरीजों को इलाज के बाद राशि दी जाती है जिसके तहत मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के अंतर्गत कालाजार मरीजों को इलाज के बाद 6600 रुपैया एवं भारत सरकार के तरफ से 500 रु की राशि देने का प्रावधान है जबकि पीकेडीएल के मरीज को इलाज के बाद एकमुश्त 4000 की राशि दी जाती है।