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खरगोनः कर्फ्यू के समय एक पालक की तरह खाद्य विभाग ने की सेवा

खरगोन- 24 अप्रैल। खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था। कर्फ्यू के दौरान शहर में कई ऐसे परिवार थे, जिनके पास एक समय के लिए खाने के लिए अनाज नहीं था। ऐसी स्थिति में जब लोगों को घरों से बाहर निकलने की पूरी तरह पाबंदी लगाई गई थी। ऐसे समय मे खाद्य विभाग ने शासकीय उचित मूल्य के सेल्समेन और अन्य स्टॉप के पास जारी करा कर खाद्य सामग्री वितरित कराने में भूमिका निभाई।

हालांकि, विभाग का यह दायित्व था कि जरूरतमंदों तक खाद्य सामग्री पहुँचे। लेकिन यहां के हालात किसी से छुपे नहीं थे। यहां चप्पे-चप्पे पर हर तरह की पुलिस बाहर निकलने वालों पर नजरें गढ़ाए हुए थी। इसके बावजूद खाद्य विभाग के अधिकारियों ने इससे हटकर पात्र नागरिकों तक खाद्य सामग्री पहुँचाने में हर सम्भव प्रयास किये।

सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी भारत जमरे ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि जिस दिन से कर्फ्यू लागू हुआ, उसके बाद से पात्र नागरिकों तक सामग्री पहुँचाने के लिए चिंतित हो गए। इस समय में कोई सेल्समेन घर से बाहर निकलना पसंद नहीं कर रहा था। लेकिन जब ऐसे समय मे मदद करने के लिए प्रेरित किया तो बात बन गई। फिर ऐसे क्षेत्रों पर विभाग ने फोकस किया, जहां बहुत ज्यादा गंभीर स्थिति थी। 14 से 23 अप्रैल तक 1843 क्विंटल गेंहू और 601 क्विंटल चावल 10253 परिवारों तक पहुँचाने में कामयाबी पायी है। शहर में कुल 25 दुकानें हैं, लेकिन इसमें से 15 दुकानें ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में रही। इन दुकानों पर विभाग का ज्यादा फोकस रहा।

सहायक खाद्य अधिकारी जमरे ने बताया कि 23 मार्च से 1 अप्रैल कुछ कारणों से हड़ताल और गणगौर होने से दुकानो पर खाद्य सामग्री भरपूर मात्रा में नहीं पहुँच पायी थी। फिर भी विभाग के अमले ने आपात समय मे जो काम किया। वो बहुत ही सराहनीय कार्य रहा।

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Author: lakshyatak

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