नई दिल्ली- 10 जनवरी। दिल्ली हाई कोर्ट ने कोर्ट की आपराधिक अवमानना के मामले में एक वकील को छह महीने की कैद और दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जस्टिस सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश सुनाया।
हाई कोर्ट ने वकील वीरेंद्र सिंह को हाई कोर्ट के सिटिंग जज और जिला न्यायपालिका पर अपमानकारी आरोप लगाने के मामले में अवमानना का दोषी पाया और सजा मुकर्रर की। हाई कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने वीरेंद्र सिंह को बिना शर्त माफी मांगने का मौका दिया, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया और हाई कोर्ट के सिटिंग जज और जिला न्यायपालिका पर जो आरोप लगाए थे उस पर कायम रहे। इसका सीधा मतलब है कि वीरेंद्र सिंह को अपने किए का कोई पछतावा नहीं था।
वकील वीरेंद्र सिंह की ओर से दाखिल एक क्रिमिनल अपील सिंगल बेंच के समक्ष लिस्टेड थी। 14 जुलाई 2022 को केस में सुनवाई के दौरान वीरेंद्र सिंह की ओर से दाखिल याचिका में हाई कोर्ट के सिटिंग जज और जिला न्यायपालिका पर गंभीर आरोप लगाए थे। जब सिंगल बेंच ने वकील वीरेंद्र सिंह से पूछा कि क्या आप इन आरोपों को हटाकर केस की मेरिट पर सुनवाई चाहते हैं। इस पर वकील वीरेंद्र सिंह ने कहा कि नहीं वे आरोपों पर कायम हैं। उसके बाद सिंगल बेंच ने वकील वीरेंद्र सिंह पर कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए अवमानना मामले पर सुनवाई करने वाली डिवीजन बेंच को सुनवाई के लिए रेफर कर दिया। उसके बाद कार्यकारी चीफ जस्टिस की कोर्ट ने वकील वीरेंद्र सिंह को अवमानना का दोषी करार देते हुए उन्हें छह महीने की कैद और दो हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया।