मधुबनी- 15 जनवरी। स्थानीय विकास भवन के सभागार में जिला परिषद अध्यक्ष बिन्दु गुलाब यादव पर लगे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सोमवार को जिप के उपाध्यक्ष संजय यादव के अध्यक्षता में विषेष बैठक आयोजित हुई। बैठक शुरू होने से पुर्व उप विकास आयुक्त विशाल राज जिला परिषद सदस्यों का इंतजार कर रहे थे। करीब 11ः35 में एक बस विकास भवन के समक्ष रूकी। जिस पर जिला परिषद के सदस्य बैठे हुए थे। बस पर बैठे जिला पार्षद एक-एक कर के आयोजित बैठक में जाने लगे। जिला परिषद के कुल 56 सदस्यों में से 27 सदस्य बैठक में उपस्थित हुए। परंतू बैठक में जिप अध्यक्ष बिन्दु गुलाब यादव नही पहुंची। जिस कारण जिला परिषद अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष को बैठक की अध्यक्षता की। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अपर समाहर्ता नरेश झा को प्रवेक्षक नियुक्त किया गया था। उप विकास आयुक्त ने बताया कि नियमानुसार कम से 29 सदस्य की उपस्थित अनिवार्य थी, परंतू ऐसा नही हुआ। कोरम पुरा नही होने पर बैठक को निरस्त मानते हुए पुनः बिन्दु गुलाब यादव जिला परिषद अध्यक्ष पद पर बनी रह गयी।
अफवाह का बाजार रहा गर्म—
लोग ऐसा भी कह रहे थे कि बस पर अविश्वास प्रस्ताव लगाने वाले जिला परिषद सदस्य की संख्या, अध्यक्ष की कुर्सी गिराने को लेकर पुरी थी। परंतू जैसे ही बस पर से बहुमत साबित करने जिला परिषद परिसर में सदस्य जाने लगे, तो दो तीन सदस्य इधर-उधर निकल पड़े। लोग ऐसा कहने लगे की अपने ने ही दिया धोखा है। जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी बचने की खबर डीआरडीए से बाहर जैसे ही निकली की अध्यक्ष के सर्मथक गाजे बाजे व मिठाई बांटने के साथ जश्न मनाने लगे। इसकी सूचना अध्यक्ष बिन्दु गुलाब यादव को भी मिली। जीत की खबर मिलते ही वह अपने सर्मथक के साथ अपने कार्यालय पहुंची।
अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन मतदान की हुई मांग—
जिला परिषद के सदस्य अकीलउद्दीन ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन हम सभी 27 सदस्य सदन पहुंचे थे। हम सभों ने बैठक में मतदान कराने की मांग कर रहे थे। परंतू बिना मतदान कराए ही बैठक समाप्त कर दिया गया। उन्होने हाई कोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि मतदान होना चाहिए था। क्योंकि हम लोग एक-दो सदस्य नही थे, बल्कि पुरे 27 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन पहुंचे और मतदान कराने की मांग कर रहे थे। अकीलउद्दीन ने बताया कि मंगलवार को हम सभी 27 पार्षद बैठक कर आगे की रणनीति बनाऐंगे।