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किसी व्यक्ति की जांच हो रही है या नहीं इसके सत्यापन के लिए एकीकृत प्रणाली विकसित करे केंद्रः हाईकोर्ट

नई दिल्ली- 16 जनवरी। दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक ऐसी एकीकृत प्रणाली विकसित करने पर विचार करने का निर्देश दिया है, जिसमें किसी व्यक्ति को पता चल सके कि क्या उसके खिलाफ सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स विभाग या डीआरआई की जांच चल रही है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने पुलिस, ईडी और सीबीआई के रूप में खुद को पेश करने वाले साइबर क्राइम के अपराधियों पर रोक की मांग पर विचार करते हुए ये निर्देश दिया।

याचिका दो वकीलों अर्श्या और उर्वशी भाटिया ने दायर की है। दोनों याचिकाकर्ता खुद साइबर अपराध के शिकार हुए हैं। दोनों से पुलिस, ईडी और सीबीआई का अधिकारी बताकर पैसे वसूल लिए गए। याचिका में कहा गया है कि आजकल साइबर अपराधियों की बाढ़ आ गई है। अब साइबर अपराधियों ने तरीके बदलते हुए खुद को पुलिस, सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स और डीआरआई का अधिकारी बताकर पेश कर रहे हैं। वे लोगों को फोन कर कहते हैं कि उनके खिलाफ जांच चल रही है और इस जांच से बचने के लिए पैसों की वसूल करते हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील से कहा कि आप केंद्र सरकार से पूछे कि क्या ये संभव है कि लोगों क्रॉस चेक कर सकें कि उनके खिलाफ कोई जांच चल रही है कि नहीं।

याचिका में कहा गया है कि आज कल साइबर अपराधी कोर्ट के फर्जी आदेशों, समन और वारंट दिखाकर लोगों को ठग रहे हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पूरी पुलिस व्यवस्था को बदलने की जरूरत तो है ही साथ में पुलिस को नई चुनौतियों से निपटने में भी सक्षम होना चाहिए। एक ऐसी एकीकृत प्रणाली लाने पर विचार करना चाहिए, जिसमें पीड़ित साइबर ठगों के खिलाफ व्हाट्सएप, एसएमएस या ई-मेल के जरिये शिकायत दर्ज करा सकें।

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Author: lakshyatak

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