लखनऊ- 24 अक्टूबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने आला अधिकारियों को निर्देश देते हुए निगरानी समितियों को एक बार फिर एक्टिव करने के निर्देश दिए हैं। बदलते मौसम के चलते बढ़ने वाली बीमारियों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है। राज्य सरकार जल जनित रोगों पर अंकुश लगाने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के साथ ही जमीनी स्तरर पर हर संभव प्रयास कर रही है। कोरोना काल की पहली एवं दूसरी लहर में उप्र में निगरानी समितियों ने अहम भूमिका निभाई है। इन सर्विलांस टीमों ने कोरोना काल में डोर टू डोर स्क्रीचनिंग कर जमीनी स्तअर पर मोर्चा संभाला।
मुख्यमंत्री ने डेंगू, कॉलरा, डायरिया, मलेरिया समेत वायरल से प्रभावित प्रदेश के जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत एटा, मैनपुरी और कासगंज में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेज दी गई है। विशेषज्ञों की यह टीम स्थानीय चिकित्सक अपनी पैनी नजर सभी केसों पर रखेंगे। पर्वों को ध्याषन में रखते हुए प्रदेश में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। निगरानी समितियों को एक्टिव करते हुए डोर टू डोर स्क्री नींग का काम शुरू होगा। निगरानी समितियां कोरोना संक्रमण के साथ ही डेंगू, कॉलरा, डायरिया, मलेरिया के लिए भी डोर टू डोर स्क्रीतनिंग करेंगी। इस वृहद् प्रदेशव्यापी सर्विलांस अभियान को तेजी से चलाया जाएगा। इसके साथ ही इस अभियान में प्रदेश में बुखार व संक्रमण के अन्य लक्षणों के मरीजों की पहचान भी प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी। इस सर्विलांस कार्यक्रम में घर-घर जाकर बुखार से पीड़ित और कोविड के लक्षण वाले लोगों को चिन्हित किया जाएगा। मालूम हो कि प्रदेश में 73 हजार से अधिक निगरानी समितियां हैं।
अस्पतालों में किए गए विशेष प्रबंध
मुख्यमंत्री योगी आदित्यिनाथ ने अधिकारियों और सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि डेंगू एवं जलजनित बीमारियों के मामलों को देखते हुए चिकित्सा सुविधाओं और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। अस्वस्थ लोगों के उपचार के लिए सभी अस्पतालों में विशेष प्रबंध किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने सर्विलांस को बेहतर करते हुए हर एक मरीज के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाने के भी निर्देश दिए हैं। प्रदेश में बचाव के लिए व्यापक स्वच्छता, सैनिटाइज़ेशन और फॉगिंग का काम भी जारी रहेगा।