गोपेश्वर-29 जून। उत्तराखंड के चमोली जिले में बुधवार की देर रात्रि को हुई भारी बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है। एक ओर भारी बारिश से जहां बदरीनाथ हाइवे पर छिनका के पास पहाड़ी से आये भारी बोल्डर और मलबा के कारण हाइवे बंद हो हो गया है वहीं चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में नैग्वाड़ के पास बने पार्किंग में मलबा घुस जाने के कारण वहां खड़े वाहन इसकी चपेट में आ गये। इधर, छिनका में ओएफसी कटने से संचार सेवा भी बाधित हो गई है। यह जानकारी जिला सूचना कार्यालय की ओर से दी गयी है।
चमोली जिले में बुधवार की देर रात्रि को गरज के साथ हुई तेज बारिश ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है। गुरुवार की तड़के चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर के मल्ला नेग्वाड़ में भारी बारिश के चलते मलबा आने से पार्किंग में खड़े कई वाहन मलबे की चपेट में आ गए। स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और आपदा प्रबंधन और नगर पालिका प्रशासन को सूचना दी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि चार बजे पुलिस की गश्ती टीम की ओर से अलर्ट किया गया था। इसके बाद सभी लोग यहां पर पहुंचे, लेकिन आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन की ओर से कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर नहीं पहुंचा। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि बदरीनाथ केदारनाथ हाइवे पर नालियों के ऊपर जालियां बिछायी गई हैं, जिसमें मलबा भरा हुआ जो इस आपदा का कारण बना है। पूर्व में भी इसकी सूचना पालिका और एनएच को दी गई थी, लेकिन उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा है। लोगों की नाराजगी है कि जिला मुख्यालय में सुबह चार बजे जो घटना हुई थी और उसी समय पुलिस और स्थानीय लोगों की ओर से प्रशासन को सूचना की गई थी, लेकिन तीन घंटे बाद भी न तो जेसीबी पहुंची और नहीं कोई अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचा। उनका कहना है कि जब जिला मुख्यालय में आपदा के समय इस तरह के हालात हैं तो फिर जनपद चमोली जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आपदा के दौरान क्या स्थिति हो सकती है? इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। इस दौरान गजेंद्र रावत, प्रदीप फरस्वाण, कमल चैहान, रमेश पहाड़ी आदि मौजूद रहे।
इधर, छिनका चमोली में ओएफसी कटने के कारण पीपलकोटी, जोशीमठ, बदरीनाथ में दूरसंचार सेवा बाधित है। इसका कार्य प्रगति पर है और दो घण्टे बाद संचार सेवा सुचारु होने की संभावना है।