इग्नू परीक्षा में शामिल हुए 7054 परीक्षार्थी, 676 परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित

किशनगंज- 09जनवरी। स्थानीय मारवाड़ी कॉलेज स्थित इग्नू शिक्षार्थी सहायता केन्द्र (एलएसी)- 86011 में इग्नू की दिसम्बर, 2022 सत्रांत परीक्षा पूरे 39 दिनों तक चली और इस अवधि में 60 पालियों में कुल 7054 छात्र-छात्राएं इग्नू परीक्षा में सम्मिलित हुए। यह जानकारी समन्वयक-सह-केंद्राधीक्षक डॉ. सजल प्रसाद ने सोमवार को दी। उन्होंने बताया कि 02 दिसम्बर, 2022 को इग्नू की परीक्षा शुरू हुई थी और सोमवार 09 जनवरी, 2023 को समाप्त हुई। एक तरह से मैराथन परीक्षा चली। इस अवधि में रविवार व अन्य अवकाशों को छोड़कर 30 कार्य दिवसों में कुल 60 पालियों में 7730 परीक्षार्थियों के लिए परीक्षाएं आयोजित हुईं। स्नातक व स्नातकोत्तर प्रोग्राम के कुल 482 कोर्स में 7054 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए।

उन्होंने बताया कि कॉलेज के शिक्षक व इग्नू सेंटर के काउंसलरों ने वीक्षक के रूप में कार्य किया और इनकी कड़ी निगरानी में कदाचार मुक्त परीक्षा ली गई। इस दौरान परीक्षा की निगरानी के लिए इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. नेहाल अहमद बेग़ द्वारा आब्जर्बर की भी प्रतिनियुक्ति की गई थी। जिला प्रशासन द्वारा सशस्त्र बल की तैनाती की गई थी।

केंद्राधीक्षक डॉ. प्रसाद ने बताया कि प्रिंसिपल प्रो.(डॉ.) संजीव कुमार की पूर्वानुमति से इग्नू परीक्षा के आयोजन व संचालन के लिए कॉलेज भवन, परिसर, उपस्कर, जेनरेटर सहित निर्बाध विद्युतापूर्ति सुनिश्चित की गई। इसके लिए इग्नू मुख्यालय के निर्देशानुसार प्रति परीक्षार्थी 10 रुपये की दर से महाविद्यालय को कुल 77 हजार 300 रुपये का भुगतान चेक द्वारा शीघ्र किया जाएगा।

डॉ. प्रसाद ने बताया कि कोरोना काल के बाद इग्नू प्रशासन ने सत्र नियमित करने के लिए देश व विदेश में नियत दिसम्बर माह में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया था और उसमें सफल रहा। विशेष बात यह है कि एक समान प्रश्न पत्रों के आधार पर ही देश व विदेश में लाखों परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी।

डॉ. प्रसाद ने इग्नू परीक्षा के निर्विघ्न व शांति पूर्वक सम्पन्न होने पर क्षेत्रीय निदेशक,प्रिंसिपल सहित सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस मैराथन परीक्षा में इग्नू एलएससी-86011 के सहयोगी डॉ. श्रीकांत कर्मकार, अर्णव लाहिड़ी, आर.एन.पी. गुप्ता,प्रदीप कुमार दास, मो. इमरान, मुन्ना दास आदि ने भरपूर सहयोग किया और वे विशेष बधाई के पात्र हैं।

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Author: lakshyatak

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