जकार्ता- 10 मार्च। इंडोनेशिया के सुदूर नतुना द्वीप में भीषण भूस्खलन से 30 लोगों की मौत हो गई। अभी कई लोग लापता हैं। भूस्खलन के बाद बचावकर्मियों ने मलबे में दबे लोगों को निकालने के बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। बचावकर्मी अब तक 30 लोगों के शव बरामद कर चुके हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय आपदा निवारण एजेंसी ने एक बयान में कहा कि दक्षिण चीन सागर के किनारे नतुना क्षेत्र में एक दूरस्थ द्वीप पर जेंटिंग गांव में मूसलाधार बारिश के बाद भूस्खलन में 30 मकान मलबे में दब गए थे। जेंटिंग गांव में बचाव व खोज अभियान चलाया जा रहा है।
नतुना की खोज एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख अब्दुल रहमान ने बताया कि खोज एवं बचाव कार्य में एजेंसी, पुलिस और सेना के 700 से अधिक बचावकर्मियों जुटे हैं। भूस्खलन के मलबे में दबे मकानों में अभी 24 और लाेगों के फंसे होने की आशंका है। रहमान ने एक वीडियो बयान में कहा कि मौसम में सुधार की वजह से हम और शव बरामद कर सके।
राष्ट्रीय आपदा निवारण एजेंसी के प्रमुख सुहरयांतो ने गुरुवार को बताया कि आठ लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर तेज बारिश होने के कारण बचाव अभियान प्रभावित हो रहा है। सुहरयांतो ने कहा कि हम लापता लोगों का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्वान दस्ते का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। बुधवार को जकार्ता और आसपास के द्वीपों से बचाव दल, चिकित्सा दल और तंबू, कंबल तथा भोजन सहित राहत सामग्री लेकर दो हेलीकॉप्टर और कई जहाज यहां पहुंचे। सुहरयांतो ने बताया कि सोमवार को हुए भूस्खलन में करीब 1300 लोग बेघर हो गए, जिन्होंने अस्थाई आश्रय स्थलों में पनाह ली है।
जकार्ता, 9 मार्च (हि.स.)। इंडोनेशिया के सुदूर नतुना द्वीप में भीषण भूस्खलन से 30 लोगों की मौत हो गई। अभी कई लोग लापता हैं। भूस्खलन के बाद बचावकर्मियों ने मलबे में दबे लोगों को निकालने के बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। बचावकर्मी अब तक 30 लोगों के शव बरामद कर चुके हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय आपदा निवारण एजेंसी ने एक बयान में कहा कि दक्षिण चीन सागर के किनारे नतुना क्षेत्र में एक दूरस्थ द्वीप पर जेंटिंग गांव में मूसलाधार बारिश के बाद भूस्खलन में 30 मकान मलबे में दब गए थे। जेंटिंग गांव में बचाव व खोज अभियान चलाया जा रहा है।
नतुना की खोज एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख अब्दुल रहमान ने बताया कि खोज एवं बचाव कार्य में एजेंसी, पुलिस और सेना के 700 से अधिक बचावकर्मियों जुटे हैं। भूस्खलन के मलबे में दबे मकानों में अभी 24 और लाेगों के फंसे होने की आशंका है। रहमान ने एक वीडियो बयान में कहा कि मौसम में सुधार की वजह से हम और शव बरामद कर सके।
राष्ट्रीय आपदा निवारण एजेंसी के प्रमुख सुहरयांतो ने गुरुवार को बताया कि आठ लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर तेज बारिश होने के कारण बचाव अभियान प्रभावित हो रहा है। सुहरयांतो ने कहा कि हम लापता लोगों का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्वान दस्ते का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। बुधवार को जकार्ता और आसपास के द्वीपों से बचाव दल, चिकित्सा दल और तंबू, कंबल तथा भोजन सहित राहत सामग्री लेकर दो हेलीकॉप्टर और कई जहाज यहां पहुंचे। सुहरयांतो ने बताया कि सोमवार को हुए भूस्खलन में करीब 1300 लोग बेघर हो गए, जिन्होंने अस्थाई आश्रय स्थलों में पनाह ली है।