आंतरिक चुनौतियों के साथ ही वैश्विक चिंताओं का समाधान कर रहा भारत: राष्ट्रपति

नई दिल्ली- 31 जनवरी। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से पहली बार संबोधित करते हुए देश में विभिन्न क्षेत्रों में हो रही प्रगति, समावेशी विकास और विश्व पटल पर भारत की बढ़ती साख का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत आंतरिक चुनौतियों के साथ ही वैश्विक चिंताओं के समाधान का भी प्रयास कर रहा है।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने संसद के केन्द्रीय कक्ष में लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गरीब और वंचित वर्ग के लिए देश में हो रहे प्रयासों का उल्लेख किया। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना से जुड़ी पारदर्शी व्यवस्था और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की दुनियाभर में हो रही सराहना पर प्रसन्नता व्यक्त की।

उन्होंने कहा, “मेरी सरकार के लगभग नौ वर्षों में भारत के लोगों ने अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखे हैं। सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नज़रिया बदला है।”

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए संकट के समय में भारत दुनिया के अन्य देशों की मदद के लिए आगे आ रहा है। भारत विभाजित दुनिया को जोड़ने का काम कर रहा है और दुनिया का सप्लाई चैन पर से उठा भरोसा लौटा रहा है। अपने प्रभुत्व के जरिए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को मजबूत कर रहा है।

राष्ट्रपति ने प्रगति और प्रकृति विरोध को समाप्त करने और भारत के अक्षय ऊर्जा के लिए किए जाने वाले विशेष प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में भारत ने अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को 20 गुना बढ़ाया है।

राष्ट्रपति ने गरीबों और वंचितों के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ‘गरीबी हटाओ’ अब सिर्फ एक नारा नहीं रह गया है। उनकी सरकार गरीबों की समस्याओं के स्थायी समाधान और उन्हें सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है। उन्हें खुशी है कि सरकार ने नई परिस्थितियों के अनुसार पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि सरकार बिजली पानी, गैस और अन्य जरूरी सुविधाएं लोगों तक पहुंचाकर उनका सरकार में विश्वास बढ़ा रही है। आयुष्मान भारत और जन औषधी के माध्यम से ही गरीबों के करीब 01 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है। 11 करोड़ लोगों के घरों में नल से जल पहुंचा है और साढ़े तीन करोड़ लोगों को पक्का मकान मिला है।

सरकार के अंत्योदय प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों के बाद अब सरकार आकांक्षी ब्लाक पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “आकांक्षी जिला कार्यक्रम को अब ब्लॉक स्तर पर दोहराया जा रहा है, जिसके लिए देश में 500 ब्लॉकों की पहचान की गई है। सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों को विकसित करने के लिए ”वाइब्रेंट विलेज” कार्यक्रम भी शुरू किया गया है।”

महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रपति ने कहा कि बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ जैसी योजनाओं से देश में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है और महिलाओं के स्वास्थ्य में भी पहले से ज्यादा सुधार हुआ है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मेड इन इंडिया अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का लाभ देश को मिलना शुरु हो चुका है। आज भारत में मैन्युफेक्चरिंग की अपनी कैपेसिटी भी बढ़ रही है और दुनिया भर से भी मैन्युफेक्चरिंग कंपनियां भारत आ रही हैं। देश आत्मनिर्भर भारत के तहत प्रगति के मार्ग पर है। भारत निर्यात में वृद्धि कर रहा है और रक्षा निर्यात अब 6 गुणा बढ़ गया है। भारत दुनिया का शीर्ष मोबाइल निर्यातक देश बन गया है और खिलौनों में निर्यात 60 प्रतिशत बढ़ा और आयात 70 प्रतिशत घटा है। इसके साथ ही खादी का भी एक लाख करोड़ का टर्नओवर हो गया है।

राष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार को लोकतंत्र और सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ निरंतर लड़ाई और ईमानदारी को सम्मान देते हुए प्रयास जारी है। 27 लाख करोड़ रुपये पारदर्शी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के माध्यम से लोगों तक पहुंचाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले टैक्स रिफंड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। आज आयकर रिटर्न भरने के कुछ ही दिनों के भीतर रिफंड मिल जाता है। आज जीएसटी से पारदर्शिता के साथ-साथ करदाताओं की गरिमा भी सुनिश्चित हो रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने अपने प्रयासों से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की आकांक्षाओं को जगाया है। ये वही वर्ग है जो विकास के लाभ से सबसे अधिक वंचित था। अब जब मूल सुविधाएं इस वर्ग तक पहुंच रही हैं, तब ये लोग नए सपने देखने में सक्षम हो पा रहे हैं। आदिवासी गौरव के लिए मेरी सरकार ने अभूतपूर्व फैसले किए हैं। नॉर्थ ईस्ट और हमारे सीमावर्ती क्षेत्र, विकास की एक नई गति का अनुभव कर रहे हैं। सीमावर्ती गांवों तक बेहतर सुविधाएं पहुंचाने के लिए मेरी सरकार ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पर काम शुरू किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी सीमावर्ती क्षेत्रों में अभूतपूर्व ढांचागत सुविधाएं बीते सालों में तैयार किया गया है। इससे भी, इन क्षेत्रों में विकास को गति मिल रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार देश के विकास के लिए अभूतपूर्व और अतुलनीय स्पीड व स्केल पर काम कर रही है। 2014 से पहले जहां देश में कुल लगभग 725 विश्वविद्यालय थे, वहीं बीते केवल आठ वर्षों में 300 से अधिक नए विश्वविद्यालय बने हैं। देश का एविएशन सेक्टर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया का तीसरा बड़ा एविएशन मार्केट बन चुका है। इसमें उड़ान योजना की भी बहुत बड़ी भूमिका है। भारतीय रेलवे अपने आधुनिक अवतार में सामने आ रही है और देश के रेलवे मैप में अनेक दुर्गम क्षेत्र भी जुड़ रहे हैं। भारतीय रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा बिजली से चलने वाला रेलवे नेटवर्क बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में देश पंच प्राणों की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है। गुलामी के हर निशान, हर मानसिकता से मुक्ति दिलाने के लिए भी मेरी सरकार निरंतर प्रयासरत है। जो कभी राजपथ था, वह अब कर्तव्यपथ बन चुका है।

भगवान बसवेश्वर ने कहा था – कायकवे कैलास। अर्थात् कर्म ही पूजा है, कर्म में ही शिव हैं। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मेरी सरकार राष्ट्र निर्माण के कर्तव्य को पूरा करने में तत्परता से जुटी है।

lakshyatak
Author: lakshyatak

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!