
सीमावर्ती क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या, कैसे दर्ज होगी स्कुलों में शिक्षकों की उपस्थिति
मधुबनी- 24 जुलाई। शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव पद पर केके पाठक के योगदान देने के साथ विभाग में वर्षो पुरानी परंपरा को विराम लगाने के साथ वर्तमान समय में परिस्थिति को देखते हुए नई तकनीक को लाया गया है। लेकिन विभाग के द्वारा जारी नीति तकनीक जयनगर प्रखंड क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में धरातल पर उतारना संभव नहीं है। आपको बता दें कि प्रखंड क्षेत्र में बीएसएनएल, एयरटेल एवं जीओ मात्र तीन कंपनियों का टावर लगाया गया है। बीएसएनएल नेटवर्क की हालत सीमावर्ती क्षेत्रों में दयनीय है। बाबजूद शिक्षा विभाग ने विद्यालय अवधि में बीएसएनएल नेटवर्क के सहारे विद्यालय प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों को नई जिम्मेदारी सौंपी है। शिक्षा विभाग सूत्रों की मानें तो प्रखंड के नेपाल सीमा से लगने वाले गांव के समीप सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चलाने व ई शिक्षा कोष ऐप से उपस्थिति बनाने के लिए बीएसएनएल फाईवर को स्कूल तक पहुंचाया गया है। परंतू नेटवर्क की बदहाल व्यवस्था के सुधार पर जोर नहीं दिया गया। कई स्कूल के प्रधानाध्यापक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जयनगर प्रखंड के नेपाल सीमा के समीप वाले गांवों में कमलावाड़ी,सहुरिया छर्रापट्टी, बलडिहा, बेतौंहा, भदौर, अकौन्हा एवं देवधा समेत अन्य गांव के प्राथमिक व उत्क्रमित मध्य विद्यालयों के आसपास किसी भी कंपनी का नेटवर्क सही से काम नहीं करता हैं। ऐसे में स्मार्ट क्लास कैसे चलाया जाएगा। बीएसएनएल सर्विस ने प्रखंड क्षेत्र के स्मार्ट क्लास वाले विद्यालयों में नेटवर्क केबल लगाया है। परंतू अब तक नेटवर्क सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। शिक्षकों ने बताया कि एक अगस्त से ई शिक्षा कोष ऐप पर उपस्थिति दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। परंतू नेटवर्क ठीक नहीं होगा तो उपस्थिति बनाना संभव नहीं है। शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय में ऐप खोलने पर भी पांच हजार दूरी दिखाई जाती है। इस बात पूछे जाने पर शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती पूनम राजीव ने बताया कि सर्वर की शिकायत हैं। लेकिन अभी तक किसी शिक्षकों के द्वारा शिकायत दर्ज नहीं किया गया है।