
सत्ता में जो है सवाल उससे ही होगा, कलाकार जनता की आवाज-‘यूपी में का बा…’का पार्ट-2 जल्द: नेहा
वाराणसी- 18 जनवरी। चुनावी लोकगीत ‘यूपी में का बा…’ गाकर सुर्खियों में आयी बिहार की लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने कहा है कि मैं जनता की आवाज बुलंद करती हूं। पार्टी बनाने या गिराने के लिए नहीं गाती। पक्ष या विपक्ष की बात नहीं करती। कोई जीते या हारे उससे मुझे क्या मतलब है। सत्ता में जो है सवाल तो उससे ही होगा।
मंगलवार को धर्म नगरी काशी में आई नेहा रविदास घाट पर मीडिया से रूबरू रही। अपने गाने को लेकर भाजपा आईटी सेल के निशाने पर आई नेहा राठौर ने कहा कि जनता की प्रतिक्रिया पर दलों को इतना चिढ़ना नहीं चाहिए। उसे सच स्वीकार कर उस पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं किसी राजनीतिक पार्टी बनाने या गिराने के लिए नहीं गाती हूं। लोग कहते हैं कि आप जो भी गाती हैं उससे विपक्ष को सीधा फायदा होता है। जाहिर सी बात है कि जनता विपक्ष की भूमिका में ही होती है। हर विपक्षी पार्टी भी जनता के ही मुद्दे को लेकर आती है।
नेहा ने एक सवाल के जबाब में कहा कि मैं खुद को लोक कवि और लोक गायिका मानती हूं। मेरा यह फर्ज है कि मैं जनता की आवाज बुलंद करूं। किसी पक्ष या विपक्ष की बात न करूं। उन्होंने बताया कि ‘यूपी में का बा…’ का पार्ट-2 जल्द ही लेकर आ रही हैं। ‘राम राज का झांकी बा,काशी मथुरा बाकी बा’ लाइन को लेकर नेहा ने कहा कि कोई कहता हैं कि मैं राम को ला दूंगा। कोई कहता है मैं कृष्ण को ला दूंगा। ऐसा कहने वाले राम और कृष्ण को लेकर क्या आएंगे। राम और कृष्ण तो उनको लेकर आए हैं। धर्म की राजनीति छोड़ कर इन लोगों को इंसानियत के लिए जीना चाहिए।
नेहा ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में मैंने बंगाल के लिए भी गाना गाया था। लेकिन भाषा की वजह से गीत चर्चा में नहीं आ पाया। वाराणसी में विकास से जुड़े सवाल पर नेहा ने कहा कि शहर में बदलाव हुआ है। मैं हमेशा यह बात कहती हूं कि कोई भी सरकार पूरी तरह से फेल नहीं होती,, न ही पूरी तरह से पास होती है। आज यहां गंगा में अलकनंदा क्रूज चल रहा है। कोरोना काल में इसी गंगा में लाशें भी बहती थीं। उन लाशों को पक्षी और जानवर नोचते रहते थे, आखिर इसको स्वीकारने में हर्ज क्या है।
भाजपा सांसद और भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता रवि किशन के बयान से जुड़े सवाल पर नेहा ने कहा कि उनका काम कहना है और वह कहते रहें। यूपी में फिल्म सिटी बनने से जुड़े सवाल पर लोकगायिका ने कहा कि इससे उन कलाकारों को फायदा होगा जो अपना घर और प्रदेश छोड़कर मुंबई जाते हैं। उनके जीवन में करियर बनाने के नाम पर संघर्ष चलता रहता है।



