बिहार

विश्व कायस्थ महासम्मेलन में बिहार की भूमिका को लेकर 21 नवंबर को पटना में शंखनाद यात्रा

पटना- 13 नवंबर। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) बिहार कार्यकारिणी समिति की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में आगामी 21 नवंबर को राजधानी पटना में होने वाली शंखनाद यात्रा और राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली में विश्व कायस्थ महासम्मेलन ‘उम्‍मीदों का कारवां’ कार्यक्रम में बिहार की भूमिका को लेकर समीक्षात्मक चर्चा की गयी। जीकेसी मीडिया और कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आगामी 19 दिसंबर को राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर विश्व कायस्थ महासम्मेलन ‘उम्मीदों का कारवां’ का आयोजन किया जा रहा है। इसी को लेकर राजधानी पटना में 21 नवंबर को राजधानी पटना में शंखनाद यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बिहार के सभी 38 जिलों के जीकेसी प्रतिनिधि एवं पूजा समिति के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। राजधानी पटना में होने वाली शंखनाद यात्रा कार्यक्रम को लेकर जीकेसी पटना के अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक की गयी। जिसमें कार्यक्रम की तैयारी को लेकर समीक्षात्मक चर्चा की गयी।

मौके पर सुशील श्रीवास्तव ने कायस्थ समाज को संगठित होने का आव्हान किया तथा 21 नवंबर को राजधानी पटना के तारामंडल में सभी कायस्थ संगठनों को एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आज के समय में कायस्थ जाति संगठित नही होने से अपने हक को सही तरीके से हासिल नही कर पा रही है। इसके लिए हम सब को साथ आना चाहिए।

इस अवसर पर जीकेसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक ने 19 दिसंबर को तालकटोरा स्‍टेडियम में आयोजित विश्व कायस्थ सम्मेलन ‘उम्‍मीदों का कारवां’ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए समाज के लोगों से दिल्‍ली चलो कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कायस्थ जाति के लोग हमेशा से समाज का नेतृत्व करते रहें हैं। कायस्थ समाज के लोगों का गौरवशाली इतिहास रहा है लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिये पर चल गया है जिसे संगठित करते हुए मजबूत करने की जरूरत है।

जीकेसी बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने कहा कि विश्व कायस्थ महासम्मेलन की तैयारी के लिये जीकेसी बिहार की टीम मिलजुल कर अभी से तैयारी करने में लगी हुयी है।उन्होंने कहा कि प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री,स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जैसे कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने अपने नेतृत्व कौशल से इस देश को नई दिशा प्रदान की है।कायस्‍थ समाज अपने स्वर्णिम इतिहास को फिर दोहराएगा।


जीकेसी युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव कुमार आर्यन ने कहा कि जीकेसी की स्थापना का महत्वपूर्ण उद्देश्य सम्पूर्ण कायस्थ समाज को संगठित, उन्नत एवं सशक्त करना है। कायस्थ समाज के लोगों को एक दूसरे से समन्वय स्थापित करने की जरूरत है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके। उन्होंने जीकेसी सदस्यता अभियान में युवाओं को जोड़ने पर विशेष जोर दिया।
इस अवसर पर जीकेसी मीडिया सेल के राष्ट्रीय प्रभारी अतुल आनंद सन्नू, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दिवाकर कुमार वर्मा, युवा प्रकोष्ठ के कार्यवाहक अध्यक्ष सुशांत सिन्हा, प्रदेश सचिव धनंजय प्रसाद समेत कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

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