
यूआईटी भरतपुर की घेराबंदी के बाद 7 दिन में मांगे नहीं मानने पर किसानों ने दी महा आंदोलन की चेतावनी
जयपुर, 26 जुलाई नगर विकास न्यास भरतपुर द्वारा 11 वर्ष पूर्व जयपुर-आगरा राजमार्ग पर स्थित 8 गांवों की कृषि भूमि पर कब्जा कर लिया था। इसका नाम आवासीय योजना सेक्टर 13 रखा गया है। जिसको भरतपुर का उपनगर माना जा रहा है इनमें दो लाख की आबादी को बसाने का प्लान बताया जा रहा है जिसको सरकार ने 1 सितंबर 2011 को जमीन पर कब्जा कर लिया। जिसमें 347 हैक्टेयर कृषि भूमि हैं आज पूरे 11 वर्ष पूर्व हो गए हैं। सरकार ने वादा किया था कि ज़मीन के बदले किसानो को मुआवजा तथा 25% भूमि आवंटित की जायेंगी परंतु आज तक सरकार द्वारा कुछ भी नहीं किया गया । लगातार 2 वर्षों से किसान कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं अपनी ही ज़मीन के लिए ठोकरे खा रहे हैं।
जब से किसानों की भूमि सरकार ने ली है तब से किसानों की हालत बहुत ही खराब है जिससे किसानों की बच्चों की शिक्षा रोजगार पर भारी प्रभाव पड़ा है आज किसानों की हालत ऐसी हो गई है कि किसी की पढ़ाई के लिए पैसे नहीं तो किसी के बच्चों की शादी के लिए पैसे नहीं और किसी के लिए अनाज खरीदने के लिए पैसे नहीं। यूआईटी की 13 नंबर स्कीम में पूर्व के 12 साल से किसानों को आर्थिक एवं मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है भरतपुर के प्रतिनिधि जिनको स्कीम नंबर 13 सिर्फ और सिर्फ चुनाव के समय याद आती है बाकी समय भूल जाते हैं उसको लेकर आज जिला कलेक्टर,एसडीएम,यूआईटी सचिव के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया और संबंधित अधिकारियों को 7 दिन का समय दिया गया कि 7 दिन में जमीनों के पट्टे एवं मुआवजे दिए जाएं अन्यथा 7 दिन बाद भरतपुर में किसान महाआंदोलन करेंगे भरतपुर मंत्री सुभाष गर्ग का पुतला दहन करेंगे जिसके जिम्मेदार शासन प्रशासन की होगी।