
बेनीपट्टी में अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ उठा रहा था आवाज़
मधुबनी-13 नवंबर। बेनीपट्टी के लोहिया चोक के निकट से खरना के रात से गायब युवक का शव शुक्रवार की देर संध्या बनकट्टा- उड़ेन में मिला। उक्त शव की पहचान बेनीपट्टी के दयानंद झा के पुत्र 23 वर्षीय आरटीआई अक्टिविस्ट अविनाश झा उर्फ बुद्धिनाथ के रूप में की गई है। शव के पहचान छुपाने के लिए अपराधियों ने शव के कुछ भागों को जला दिया है। परिजन उसके पैर में अहिला व कपड़े से पहचान किए।

देर रात ही शव का पोस्टमार्टम करा कर अंतिम संस्कार के लिए परिजन सिमरिया के लिए निकल गए। उधर, एफआईआर दर्ज करने के कई घंटों के बाद भी पुलिस अबतक न तो घटना का उद्भेदन कर सकी है, न ही किसी अपराधियो की गिरफ्तारी कर सकी है। पुलिस के इस रवैये से लोगों में रोष पनप रहा है। जो कभी भी आंदोलन का रुख अख्तियार कर सकती है। परिजन युवक के गायब होने के अगले ही दिन से बदहवास है। बतादें कि अविनाश झा उर्फ बुद्धिनाथ करीब दो वर्षों से बेनीपट्टी में संचालित दर्जनों फर्जी नर्सिंग होम के खिलाफ मुहिम चला रहा था। उसके मुहिम के कारण सिविल सर्जन स्तर से कई फर्जी नर्सिंग होम पर हाल में आर्थिक जुर्माना भी किया गया। जुर्माना के बाद भी अवैध नर्सिंग के संचालन होने पर जल्द ही अविनाश फिर से मुहिम शुरू किए जाने की बात कही थी। इस संबंध में अविनाश ने अपने सोशल मीडिया पर भी जानकारी सार्वजनिक कर दी थी। जिससे संभावना है कि फर्जी नर्सिंग होम की परेशानी बढ़ गयी हो।

गौरतलब है कि गत 09 नवंबर के खरना पर्व के रात्रि करीब दस बजे अविनाश अपने क्लिनिक से गले पर पीले रंग का गमछा डालकर इंदिरा चोक की ओर गया। जहां से वो वापस नहीं हुआ। अगले दिन शाम तक खोजबीन के बाद भी नहीं मिलने पर इसकी सूचना पुलिस को दी गयी। इस संबंध में अविनाश के भाई चंद्रशेखर झा ने बेनीपट्टी थाने में फर्जी नर्सिंग होम के संचालक,डॉक्टर व कर्मी पर उनके भाई को गायब कर देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने अगले दिन अविनाश के मोबाइल का सीडीआर निकाल कर जांच की। परंतु जांच शुरू होने के बाद भी अबतक कोई ठोस निष्कर्ष तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है।



