
बिहार के बेगूसराय में रेन बसेरा का गरीबों ने नही मिल रहा फायदा, केयरटेकर सोते हैं बेड पर देखते हैं अश्लील डांस
बेगूसराय- 19 जनवरी। दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के एसयूएच घटक के तहत बखरी नगर परिषद क्षेत्र में आश्रय विहीन लोगों के लिए बनाए गए रैन बसेरा में असहाय नहीं, बल्कि केयर टेकर मौज उड़ाते हैं।
इस बदइंतजामी का खुलासा भाजपा नेता नगर पार्षद सिधेश आर्य द्वारा शकरपुरा में बनाये गये दस बेड के अस्थायी आश्रय स्थल के निरीक्षण में हुआ है। सिधेश आर्य ने बताया कि विभागीय निर्देश तथा कोविड-19 मार्गदशिका की अनदेखी कर पंचायत भवन के एक छोटे से कमरे में दस बेड का अस्थायी आश्रय स्थल बनाया गया है। जिसमें जगह के अभाव में मात्र सात बेड ही लगाया जा सका, शेष तीन बेड समेट कर बगल के ट्रंक पर रखा पाया गया, लेकिन कागजों पर इसकी संख्या दस है। विभागीय निर्देश के अनुसार अस्थायी आश्रय स्थल का आकार क्षेत्रीय आश्रयविहीनों की संख्या तथा दो व्यक्तियों के बीच छह फीट की दूरी को ध्यान में रखा जाना अनिवार्य है। लेकिन मात्र दो फीट पर ही बेड को लगाया गया है।
पांच जनवरी 2022 को शुरू किये गये रैन बसेरा में अब तक मात्र तीन लोग ही ठहर सके हैं, वह भी मात्र एक रात छह जनवरी को। अस्थायी आश्रय स्थल पर ना ही अलाव की व्यवस्था की गयी है और ना ही अनवरत बिजली और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था है, जबकि इसके लिए राशि का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के सभी बेड खाली मिला। जबकि आश्रय स्थल के एक बेड पर नगर परिषद द्वारा नियुक्त केयरटेकर हीटर जला कर बेसुध खर्राटे भरते मिले। बिस्तर पर उनके मोबाइल में तेज आवाज में आर्केस्ट्रा का डांस विडियो चल रहा था। पार्षद द्वारा केयरटेकर को जगाने के बाद दैनिक विवरणी पुस्तिका मांगे जाने पर उन्होंने अपनी असमर्थता प्रकट की। कार्यपालक पदाधिकारी कमलेश कुमार प्रसाद को इसकी सूचना देने के थोड़ी देर बाद एक अन्य केयर टेकर बगल के अपने आवास से डायरी लेकर पहुंचे। नगर कार्यालय द्वारा बिना सत्यापित उपरोक्त पंजी पर तीन जनवरी को चार लोगों की इंट्री और फिर छह जनवरी को तीन लोगों के रहने की सूचना दर्ज है।
केयर टेकर के अनुसार उसके बाद एक दिन भी लोग रैन बसेरा का लाभ नहीं ले सके। सिधेश आर्य ने बताया कि नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा शरद ऋतु में 15 नवंबर से 28 फरवरी तक आश्रय विहीन वैसे लोग, जो रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, पार्क, पुल के नीचे, कंस्ट्रक्शन साइट, ह्युम पाइप में या खुले आसमान में सोने को मजबूर हैं, उन्हें आश्रय उपलब्ध कराया जाता है। जिस पर सम्पूर्ण अवधि के लिए 12 हजार पांच सौ रुपया प्रति बेड व्यय का भुगतान होना है। बखरी नगर क्षेत्र में 15 नवंबर को रैन बसेरा प्रारंभ करने के बजाय यह डेढ़ माह बाद पांच जनवरी को प्रारंभ हो पाया। उन्होंने कहा कि अस्थायी आश्रय स्थल के नाम पर दस बेड पर एक लाख पचीस हजार की राशि व्यय करने के प्रावधान किये जाने के बावजूद जरुरतमंद ठिठुरती रातों में रैन बसेरा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी तथ्यों से विभागीय उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।



