
न्याय संहिता के विरुद्ध असम चालक संघ का 48 घंटे हड़ताल का ऐलान
गुवाहाटी- 04 जनवरी। ऑल असम डे-नाइट सुपर बस ड्राइवर्स यूनियन ने राज्य भर में बस सेवाओं को 48 घंटे के लिए निलंबित करने की घोषणा की है। यह निर्णय केंद्र के भारतीय न्याय संहिता 2023 के हालिया कार्यान्वयन, विशेष रूप से हिट-एंड-रन मामलों के लिए कड़े प्रावधानों के विरोध में लिया गया है। ड्राइवरों का संघ अगले दो से तीन दिनों के भीतर नए कानून में बदलाव की मांग कर रहा है, ऐसा नहीं करने पर उन्होंने हड़ताल बढ़ाने की धमकी दी है।
नए कानून के तहत विवादास्पद प्रावधानों में लापरवाही से गाड़ी चलाने से हुई मौत को गैर-जमानती अपराध मानना, वारंट या अदालत की अनुमति के बिना ड्राइवरों की गिरफ्तारी की अनुमति देना आदि शामिल है। यूनियन के सलाहकार रूपम दत्ता ने चिंता जताई कि किसी अदालती सजा से पहले अगर ड्राइवरों को जेल में डाल दिया जाता है तो उनके परिवारों के अस्तित्व संकट में आ जाएगा। संघ कानून पर पुनर्विचार करने और उद्योग के दृष्टिकोण को शामिल करने का आह्वान कर रहा है।
हड़ताल 5 और 6 जनवरी को आहुत किया गया है। यदि सरकार यूनियन की चिंताओं का समाधान नहीं करती है और अधिनियम को रद्द नहीं करती है, तो ऑल असम डे-नाइट (पी) सुपर बस ड्राइवर यूनियन ने वाणिज्यिक वाहनों को स्थायी रूप से बंद करने की कसम खाई है। ट्रक चालक पहले से ही हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल से पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में यात्री और माल परिवहन के प्रभावित होने की आशंका है।
केंद्रीय गृह सचिव ने हालांकि इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शाम को प्रदर्शनकारी ट्रक चालकों से मुलाकात करने का कार्यक्रम बनाया है, क्योंकि ट्रक चालक भी हिट-एंड-रन मामलों पर नए कानून के खिलाफ अपना विरोध कर रहे हैं।



