भारत

कांग्रेस अध्यक्ष खऱगे ने राज्य सभा में सरकार को घेरा, कहा- सरकार तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है तथ्य 

नई दिल्ली- 16 दिसंबर। राज्य सभा में सोमवार को संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के दौरान निर्मला सीतारमण के आरोपों का जवाब देते हुए सदन में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष ने आरोप लगाया कि संविधान में संशोधन एक परिवार के लिए किए गए जबकि ये आरोप निराधार है। संविधान में पहला संशोधन अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति को अधिकार देने के संबंध में था, भूमि सुधारों को लेकर किया गया था। तब अंतरिम सरकार बनाई गई थी, जिसमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी शामिल थे। सरदार पटेल ने ही बताया था कि संविधान संशोधन में ही समस्या का हल है। लेकिन सदन और देश के समक्ष सत्य को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।

खरगे ने विपक्ष की तरफ से चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि आज 16 दिसंबर है। आज ही के दिन साहसी नेता इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश को आजाद कराया। अब वहां की हालत देखिए, भाजपा को अपनी आंखें खोलनी चाहिए और वहां के अल्पसंख्यकों की मदद करनी चाहिए। खरगे ने कहा कि अमेरिका, यूके, फ्रांस डेमोक्रेसी की बहुत बातें करते थे लेकिन महिलाओं को मतदान का अधिकार नहीं था। भारत ही एक ऐसा देश है, जहां संविधान लागू होने के दिन से ही सबको सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार यानि 18 साल से लोगों को मताधिकार मिला। यह नेहरू, आंबेडकर या संविधान सभा की देन है। संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने 51-52 चुनावों के दौरान व्यस्क मताधिकार के खिलाफ लिखा था। उन्होंने कहा कि देश के लिए जो लोग लड़े नहीं, उनको आजादी और संविधान के महत्व के बारे में क्या पता होगा।

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 1949 में आरएसएस नेताओं ने भारत के संविधान का विरोध किया था, क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं था। न तो उन्होंने संविधान को स्वीकार किया और न ही तिरंगे को। 26 जनवरी 2002 को पहली बार आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा फहराया गया, क्योंकि इसके लिए कोर्ट का आदेश था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण पर सवाल उठाते हुए खरगे ने कहा कि उन्होंने सदन को गुमराह करने की कोशिश की। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1947-1952 के बीच कोई चुनी हुई सरकार नहीं थी। उन्होंने अंतरिम सरकार पर सवाल उठाया, जिसमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी शामिल थे। इसलिए बोलते समय आपको यह स्पष्ट करना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी अपने नेता के बारे में बोल रहे हैं या नेहरू के बारे में। हमें अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि वे वर्तमान में नहीं, कल्पना और अतीत में जीते हैं। बेहतर होता कि वे वर्तमान की उपलब्धियां गिनाते, जिससे लोकतंत्र मजबूत हुआ। प्रधानमंत्री को बताना चाहिए था कि उन्होंने पिछले 11 सालों में संविधान को मजबूत करने के लिए क्या किया है।

खरगे ने आगे कहा कि जो लोग झंडे, अशोक चक्र और संविधान से नफरत करते थे, वे आज हमें संविधान का पाठ पढ़ा रहे हैं।

इसलिए वे जाति जनगणना के विरोध में हैं। खरगे ने कहा कि सत्ता पक्ष ने आपातकाल को लेकर बहुत बातें कीं। गलती हुई, जिसके लिए इंदिरा गांधी की चुनाव में हार हुई। जनता ने इंसाफ किया लेकिन 1980 में जनता ने फिर उन्हें उत्साहित बहुमत से जीत भी दिलाई है। लोकतंत्र में जनता ही इंसाफ करती है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने तंज कसते हुए कहा, “अमित शाह ने एक बड़ी वॉशिंग मशीन खरीदी है। जो भी इसके अंदर जाता है, वह साफ होकर बाहर आता है। यदि कोई राज्य या क्षेत्र आपको वोट नहीं दे रहा है, तो आपको बदला नहीं लेना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी हर जगह चुनाव के लिए जाते हैं लेकिन वह मणिपुर जाने के लिए तैयार नहीं हैं। राहुल गांधी वहां गए और एक यात्रा निकाली। आपके पास इतनी सुरक्षा है। इसके बावजूद आप वहां नहीं जा रहे हैं। आप इस समस्या का समाधान क्यों नहीं कर रहे हैं?”

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