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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना, मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा- केन्द्र सरकार हठधर्मी करके इस विधेयक को जबर्दस्ती थोपना चाहतीं है

नई दिल्ली- 17 मार्च। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने सोमवार को जंतर-मंतर पर कहा कि केन्द्र की मौजूदा सरकार संसद में गैर कानूनी वक्फ संशोधन विधेयक को संख्या बल के सहारे पास कराने के लिए अड़ी हुई है। हमारी यह लड़ाई बहुसंख्यक हिंदुओं से नहीं, बल्कि सरकार से है, जो हठधर्मी करके इस विधेयक को जबर्दस्ती थोपना चाहतीं है। संसद में पेश वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के विरोध में आयोजित धरने को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह वक्फ की लड़ाई नहीं, बल्कि संविधान को बचाने की लड़ाई है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस धरने में सभी विपक्षी दलों के नेताओं, सांसदों ने भाग लेकर अपने समर्थन का भरोसा दिलाया है। धरने को एआईएमआईएम नेता व सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सांसद पप्पू यादव, मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, इमरान मसूद, जावेद खान, अवधेश यादव, नासिर हुसैन, डॉ फौज़िया, केटी बशीर, सपा सांसद ज़ियाउर रहमान बर्क, सीपीआईएम सांसद राजा राम सिंह, मौलाना महमूद मदनी अध्यक्ष जमीअत उलमा ए हिंद, सय्यद सआदतउल्लाह हुसैनी अध्यक्ष जमाआत ए इस्लामी हिंद, मौलाना असगर अली इमाम सल्फी मेहदी अध्यक्ष ऑल इंडिया जमीअत अहले हदीस, सिख नेता प्रोफेसर जगमोहन सिंह, दलित नेता बेलाराम, पूर्व विदेश मंत्री व कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद आदि ने संबोधित किया।

इस मौके पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने संसद और जेपीसी में वक्फ की लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह विधेयक गैर कानूनी है और इसे किसी भी सूरत में पास नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस विधेयक का विरोध करने वाले सभी विपक्षी दलों के सांसदों का धन्यवाद करते हुए कहा कि हम सभी को साथ लेकर इस विधेयक का संसद में विरोध करेंगे। जमीअत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने भी इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा है कि खुशी की बात यह है कि इस बिल का विरोध करने के लिए बड़ी तादाद में दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी हमारे साथ आ रहे हैं और वह हमें भरोसा दिला रहे हैं की आखिरी दम तक मिलकर विरोध करेंगे।

जमाअत ए इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सआदतउल्लाह हुसैनी ने भी वक्फ संशोधन विधेयक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह विधेयक हमें किसी भी सूरत में कबूल नहीं है। सरकार को इसे वापस लेना चाहिए। जब तक यह विधेयक वापस नहीं लिया जाता तब तक इसका इसी तरह से विरोध जारी रहेगा। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि वह और उनकी पार्टी इस विधेयक के विरोध में है और पार्टी संसद में इसका विरोध करती रहेगी। समाजवादी पार्टी के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने भी विश्वास दिलाया कि उनकी पार्टी पहले दिन से इस विधेयक के विरोध में है और जब तक इसको रद्द नहीं किया जाता तब तक वह इसका विरोध करती रहेगी।

उड़ीसा के बीजू जनता दल के सांसद मोहिबुल्लाह खान,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सांसद डॉ. फौजिया ने भी इस विधेयक का विरोध करते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मांगों का समर्थन किया और विश्वास दिलाया है कि संसद में इस विधेयक का विरोध किया जाएगा। कांग्रेस सांसद जावेद खान ने भी कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को जिस तरह से संसद में लाया गया और उसको पास कराने की कोशिश की जा रही है इससे साबित होता है कि केंद्र सरकार की मंशा ठीक नहीं है। केंद्र सरकार की मंशा वक्फ संपत्तियों को हड़पने की है जिसे कभी पूरा नहीं होने दिया जाएगा।

सीपीआई नेता हन्नान मोल्ला ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक किसी भी तरह से वक्फ के हित में नहीं है। वह अपने सांसदों के साथ इसका हर स्तर पर विरोध करते रहेंगे। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी कहा है कि यह विधेयक जबरदस्ती थोपा जा रहा है, जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं है वर्तमान कानून वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए काफी है। अयोध्या से सपा सांसद अवधेश यादव ने भी वक्फ विधेयक का विरोध करते हुए कहां है कि उनकी पार्टी ने संसद में और जेपीसी में पूरी तरह से इसका विरोध किया है और आगे भी वह इसका विरोध करते रहेंगे। कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने भी धरने पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस विधेयक का मकसद वक्फ संपत्तियां पर कब्जा करना है जिसमें हम सरकार को कभी भी कामयाब नहीं होने देंगे।

सिख पर्सनल लॉ बोर्ड के संयोजक प्रोफेसर जगमोहन सिंह ने इस मौके पर कहा कि सरकार की नीयत गुरुद्वारों पर और उसकी संपत्तियों पर भी है। कई गुरुद्वारों की संपत्तियों पर सरकार का कब्जा भी है। इसी तरह सरकार की मंशा अब वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने की है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई काफी लंबी लड़नी पड़ेगी। जिस तरह से किसान आंदोलन चलाया गया, उसकी तरह इसके लिए भी आंदोलन चलाना पड़ेगा। हम उत्तर प्रदेश और हरियाणा बॉर्डर जाम करने के लिए तैयार हैं। आदिवासी नेता बेलाराम ने भी इस मौके पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व अन्य मुस्लिम नेताओं को विश्वास दिलाया कि इस लड़ाई में वह अकेले नहीं हैं पूरा आदिवासी समाज और जनजातीय समाज उनके साथ खड़ा है।

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