
एमएसएमई, बुनकर और महिला उद्यमियों की सहूलियतों का सरकार रखेगी ध्यान : उपमुख्यमंत्री
पटना- 18 जनवरी। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बजट पूर्व आवश्यक तैयारियों को लेकर उद्योग और सूचना एवं प्रौद्योगिकी प्रक्षेत्र से संबंधित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि एमएसएमई, बुनकर एवं महिला उद्यमियों की सहूलियतों का बिहार सरकार विशेष ध्यान रखेगी। बिहार सरकार उद्यम और उद्यमिता के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। आत्मनिर्भर बिहार के लिए जो भी बेहतर उपाय होंगे, सरकार उन पर गंभीरता से विचार करेगी।
उन्होंने कहा कि आज की बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिन पर वित्त विभाग गहन समीक्षा के बाद आवश्यक निर्णय करेगा। आज की प्री-बजट बैठक में बिहार उद्योग संघ द्वारा एमएसएमई सेक्टर में कैपिटल सब्सिडी को बहाल करने, उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी में सब्सिडी बहाल करने का सुझाव दिया। बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों ने बिहार के व्यवसायियों के लिए परचेज प्रेफरेंस पॉलिसी के टर्नओवर की शर्तों में सुधार की आवश्यकता बताई तथा आईटी पार्क और इंडस्ट्रियल पार्क से संबंधित स्कीम को यथाशीघ्र पूरा करने के साथ-साथ किशनगंज जिले में चाय बागान एवं कोसी क्षेत्र में मछली पालन से संबंधित उद्योगों के प्रोत्साहन का अनुरोध किया।
तारकिशोर ने कहा कि हथकरघा एवं रेशम निदेशालय ने बुनकरों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने, बुनकर सहयोग समितियों को रोजगार गारंटी योजना में शामिल करने तथा उन्हें कार्यशील पूंजी के लिए आवश्यक सहयोग देने के साथ-साथ हैंडलूम वस्त्र के लिए खादी वस्त्र के समान छूट दिए जाने की आवश्यकता बतायी। लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधि ने बियाडा की लीज होल्ड वाली जमीन को फ्री होल्ड में परिवर्तित करने का सुझाव दिया।
बैठक में बिहार उद्यमी संघ द्वारा सफल स्टार्टअप के लिए 10 लाख की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने तथा बीज उत्पादन इकाइयों को विशेष पैकेज देने का अनुरोध किया। महिला उद्योग संघ के प्रतिनिधि ने महिला उद्यमियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का प्रावधान किए जाने तथा बियाडा के अंतर्गत टैक्सटाइल पार्क एवं फूड पार्क के अंतर्गत महिला उद्यमियों को विशेष छूट की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।
बैठक में उपस्थित सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग के अंतर्गत विभिन्न संगठनों से आए प्रतिनिधियों ने स्टार्टअप में पूर्व से प्रावधानित 25 लाख के अलावा भी राज्य सरकार को निधि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया तथा ग्रामीण क्षेत्र में डिजिटल हेल्थ से संबंधित स्टार्टअप को बढ़ावा देने की आवश्यकता बतायी। बैठक के दौरान वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बजट पूर्व बैठक में शामिल संगठनों के प्रतिनिधियों से अपने सुझाव ईमेल एवं हार्ड कॉपी के माध्यम से भेजने का अनुरोध किया।



