भारत

आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का समय आ गया है: गृहमंत्री अमित शाह

देहरादून-07 अक्टूबर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि जीरो टॉलरेंस एक्शन को अपनाकर आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा। ऐसे में हमारे आर्थिक संस्थानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी देशभर की पुलिस और एजेंसियों को और मजबूती से निभानी होगी।

शनिवार शाम वन अनुसंधान केन्द्र (एफआरआई) में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय गृह सचिव और बीपीआरडी के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

अमित शाह ने कहा कि ये सम्मेलन अमृतकाल में हो रही पहली पुलिस विज्ञान कांग्रेस है। प्रधानमंत्री ने आजादी के 75 से 100 साल के बीच के कालखंड को अमृतकाल का नाम दिया है। ये अमृत काल की यात्रा भारत के हर नागरिक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री ने इस काल को हम सबके सामने संकल्प और उसे सिद्ध करने के काल के रूप में रखा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देशवासियों के सामने ये लक्ष्य रखा है कि जब देश की आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी, उस वक्त विश्व में हर क्षेत्र में भारत सर्वप्रथम हो, ऐसे भारत का निर्माण करना है। ऐसा करने के लिए हर क्षेत्र में परिश्रम की पराकाष्ठा करनी होगी और इसकी पहली शर्त यह है कि देश की कानून-व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा चाक-चौबंद हो। कानून-व्यवस्था की अच्छी स्थिति ही विकास के लिए पहली शर्त है और इसके लिए आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में गृह मंत्रालय ने देश में कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के अनेक परिवर्तन किए हैं। अमृतकाल में इन परिवर्तनों को जमीन पर उतारना है।

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 2019 से 2023 तक देश में हर क्षेत्र में कई बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय से लेकर देश के अंतिम पुलिस थाने तक इन परिवर्तनों को ज़मीन पर उतारने का पूरा खाका इस पुलिस विज्ञान कांग्रेस के दौरान रखा जाएगा। विज्ञान कांग्रेस के दौरान छह विषयों पर विचार विमर्श हो रहा है। इनमें- 5जी युग में पुलिसिंग, नारकोटिक्स- एक गेम चेंजिंग दृष्टिकोण, सोशल मीडिया की चुनौतियां, सामुदायिक पुलिसिंग, आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां और पुलिस और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के बीच समन्वय-सीमाओं की सुरक्षा शामिल है। ये सभी विषय आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और सीमाओं की सुरक्षा को कवर करने वाले विषय हैं।

अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने का जिक्र करते हुए कहा कि आज वहां की स्थिति को देखकर देश का हर नागरिक चैन की सांस ले सकता है। ये अब हमेशा के लिए भारत का हिस्सा बन चुका है और इसे अब कोई हमसे नहीं छीन सकता। वामपंथी उग्रवाद वाले क्षेत्रों में भी हिंसा में कमी आने के कारण अब विकास हर गांव और व्यक्ति तक पहुंच रहा है। हर जगह स्वास्थ्य, शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर के नए युग का आगाज हुआ है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नेतृत्व में आंतरिक सुरक्षा के लिए आवश्यक संसाधनों और साधनों के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि ब्यूरो के आधुनिकीकरण प्रभाग के अंतर्गत साइबर सुरक्षा, साइबर अपराध रोकथाम, ड्रोन फॉरेंसिक, साइबर कानूनों की उभरती हुई चुनौतियां जैसे विषयों पर वेबिनार और कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं।

अमित शाह ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार ने संसद में तीन नए विधेयक पेश किए हैं, जो फिलहाल गृह मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी के पास विचाराधीन है। अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून थे। अब इन तीन नए कानूनों के पारित होने के बाद देश की जनता को न्याय मिलने में होने वाली देरी से निजात मिल जाएगी।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हर क्षेत्र में विकास के साथ कई चुनौतियां भी हमारे सामने खड़ी होती हैं और उन चुनौतियों को मुकाबला करने के लिए हमारी पुलिस को अपने आपको तैयार करना होगा। देश के युवा पुलिस ऑफिसर्स देश के क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा, राज्यों में साइबर सुरक्षा का ऑडिट, सोशल मीडिया और वीजा की लगातार मॉनिटरिंग जैसे नए विषयों पर काम करने होंगे। काउन्टर टेररिज्म के एप्रोच में जीरो टॉलरेंस की नीति से आगे बढ़ जीरो टॉलरेंस स्ट्रेटजी और जीरो टॉलरेंस एक्शन को अपनाकर आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का समय आ गया है।

अमित शाह ने कहा कि विभिन्न एजेंसियों के बीच राज्यों के पुलिसबलों को समन्वय बढ़ाने की जरूरत है। राष्ट्रीय रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी और फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साथ देशभर की पुलिस को जुड़ना चाहिए। मॉडस ऑपरेंडी ब्यूरो की स्टडी कर अपने यहां भी मॉडस ऑपरेंडी ब्यूरो बनाने की शुरुआत करें, डायरेक्टर प्रॉसीक्यूशन की व्यवस्था को और मजबूत करें, बीट को पुनर्जीवित करें, परेड को नियमित करें और खबरी प्रणाली को भी फिर से पुनर्जीवित करें।

उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस का एनालिसिस मानव दिमाग से अच्छा और कोई नहीं कर सकता, इसके लिए खबरी प्रणाली को भी हमें पुनर्जीवित करना होगा। फॉरवर्ड क्षेत्रों में बेस कैंप की स्थापना का जो प्रयास हो रहा है उसमें वामपंथी उग्रवाद वाले राज्यों को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स के खिलाफ लड़ाई के लिए एनसीओआरडी मेकैनिज्म को मजबूत करना और जिलस्तरीय बैठक पर ध्यान देना होगा।

केन्द्रीय मंत्री ने 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का कम्पेन्डियम, बीपीआरडी की प्रतिष्ठित हिन्दी पत्रिका (पुलिस विज्ञान) और उत्तराखंड पुलिस-मार्चिंग विद द टाइम्स पत्रिका का विमोचन किया।

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