
देश की एकता–अखंडता के खिलाफ गतिविधियों पर जीरो टॉलरेंस, पांच वर्षों में 23 संगठन अवैध घोषित: नित्यानंद राय
नई दिल्ली- 02 दिसंबर। भारत सरकार किसी भी प्रकार की गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस (शून्य सहनशीलता) नीति अपनाती है। पिछले पांच वर्षों में सरकार ने 23 संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया है। यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत की गई है। यह जानकारी गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
गृह राज्यमंत्री राय ने बताया कि राष्ट्र की संप्रभुता, एकता, अखंडता और सुरक्षा के विरुद्ध गतिविधियों में लिप्त किसी भी संगठन के खिलाफ सख्त और सतत कदम उठाए जाते रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन पांच वर्षों के दौरान जिन 23 संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया गया है, उनमें एसआईएमआई, यूएलएफए, एटीटीएफ, विभिन्न मणिपुरी उग्रवादी संगठन, एनएलएफटी, एनएससीएन (के), हाइन्न्यूत्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल, एलटीटीई, इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन, पीएफआई और इसके सहयोगी संगठनों सहित जम्मू-कश्मीर के कई चरमपंथी संगठनों के नाम शामिल हैं।
गृह राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार की यह कठोर कार्रवाई देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को विश्वस्तरीय जांच एजेंसी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। एनआईए को सुदृढ़ करने और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अपराधों की रोकथाम, जांच और अभियोजन क्षमता बढ़ाने के लिए व्यापक पहल की गई है।
मंत्री ने बताया कि एनआईए संशोधन अधिनियम, 2019 के माध्यम से एजेंसी को विदेशों में भारतीय हितों से जुड़े अपराधों की जांच का अधिकार दिया गया है। इसके साथ ही एजेंसी के दायरे का विस्तार करते हुए विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, मानव तस्करी, साइबर आतंकवाद और शस्त्र अधिनियम से जुड़े अपराधों को भी शामिल किया गया है।
एनआईए का देशभर में विस्तार करते हुए 21 शाखा कार्यालय, दो जोन कार्यालय (गुवाहाटी और जम्मू) तथा दिल्ली में मुख्यालय स्थापित किए गए हैं। एजेंसी में वर्तमान में 1901 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 769 पद पिछले पांच वर्षों में बढ़ाए गए हैं। इसके अलावा, देशभर में 52 विशेष एनआईए अदालतें अधिसूचित की गई हैं।
गृह राज्यमंत्री ने कहा कि एनआईए में तकनीकी और विश्लेषण क्षमता बढ़ाने के लिए नेशनल टेरर डाटा फ्यूज़न एंड एनालिसिस सेंटर, काउंटर टेररिज्म रिसर्च सेल, विदेशी जांच अनुरोध इकाई, टेरर फंडिंग एंड फेक करेंसी सेल सहित कई विशेष प्रभाग बनाए गए हैं।
इसके अलावा एजेंसी के अधिकारियों के लिए देश-विदेश में क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं तथा मार्च 2025 में एनआईए और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन भी किया गया है। सरकार ने बताया कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप एनआईए एक सक्षम और प्रभावी प्रीमियर जांच एजेंसी के रूप में उभरी है, जिसकी दोषसिद्धि दर 92.44 प्रतिशत है।



