
असम विधानसभा में हंगामा, दो विपक्षी विधायक पूरे शीतकालीन सत्र से निलंबित
गुवाहाटी- 25 नवम्बर। असम विधानसभा के शीतकालीन अधिवेशन के पहले दिन मंगलवार को भारी हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक नूरुल हुदा और बाघबर के विधायक शेरमान अली अहमद को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। यह कदम विशेषाधिकार समिति की उस रिपोर्ट को सदन द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद उठाया गया, जिसमें दोनों विधायकों को उपाध्यक्ष नूमल मोमिन के प्रति ‘दुर्व्यवहार’ का दोषी पाया गया था।
असम के संसदीय कार्य मंत्री चन्द्र मोहन पटवारी की ओर से पेश प्रस्ताव में बताया गया कि समिति की जांच के अनुसार मार्च में सदन परिसर के गलियारे में हुए एक घटनाक्रम के दौरान नूरुल हुदा का उपाध्यक्ष से टकराव हुआ था। वहीं, शेरमान अली पर सदन की कार्यवाही के दौरान अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने का आरोप था। समिति ने दोनों विधायकों को पूरा शीतकालीन सत्र, जो मंगलवार से शुरू होकर शनिवार को समाप्त होगा, निलंबित करने की अनुशंसा की थी।
हालांकि, कांग्रेस ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया। कांग्रेस विधायक जाकिर हुसैन सिकदर ने कहा कि हुदा पर जिस ‘हमले’ का आरोप लगाया गया है, उससे संबंधित कोई सीसीटीवी फुटेज विपक्ष को नहीं दिखाया गया। उनके मुताबिक हुदा किसी गलत गतिविधि में शामिल नहीं थे, बल्कि अन्य विधायकों के साथ शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे।
इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने स्पष्ट किया कि विशेषाधिकार समिति अपनी रिपोर्ट पहले ही सौंप चुकी है और उसके निष्कर्षों पर सवाल नहीं उठाए जा सकते। सत्तापक्ष का दावा है कि मार्च के विरोध के दौरान हुदा ने उपाध्यक्ष से शारीरिक टकराव किया था, हालांकि कांग्रेस इस आरोप को निरंतर नकारती रही है।
इसी माह शेरमान अली द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को भी सदन की कार्यवाही से हटाया जा चुका है।
विधानसभा सत्र से दोनों विधायकों का निलंबन इस वर्ष के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ती राजनीतिक तनातनी को एक बार फिर उजागर करता है। इसके साथ ही विधानसभा में मर्यादा और व्यवहार को लेकर जारी विवाद भी और तीव्र हो गया है।



