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UP:- हाथरस भगदड़ काण्ड में 6 आयोजक गिरफ्तार, धमकाने वाले सेवादार पर 1 लाख का इनाम घोषित

हाथरस- 04 जुलाई। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग समागम में हुई भगदड़ की घटना में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें चार पुरुष और दो महिलाएं हैं। ये सभी आयोजन समिति के सदस्य हैं और सेवादार के रूप में कार्य करते हैं। यह जानकारी अलीगढ़ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) शलभ माथुर ने दी।

माथुर ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग आयोजन समिति के सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों में राम लड़ैते पुत्र रैबारी सिंह यादव निवासी भानपुरा थाना, कुरावली जिला मैनपुरी, उपेन्द्र सिंह यादव पुत्र रामेश्वर सिंह एटा रोड थाना शिकोहाबाद जिला फिरोजाबाद, मेघ सिंह निवासी दमदपुरा कस्बा थाना सिकन्दराराऊ जिला हाथरस, मुकेश कुमार पुत्र मोहर सिंह निवासी दमदपुरा कस्बा थाना सिकन्दराराऊ जिला हाथरस, मंजू यादव पत्नी सुशील कुमार निवासी कचोरा थाना सिकन्दराराऊ जिला हाथरस और मंजू देवी पत्नी किशन कुमार यादव निवासी कचोरा थाना सिकन्दराराऊ जिला हाथरस हैं। जानकारी में पता चला है कि ये सभी लोग चंदा इकट्ठा करने और भीड़ जमा करने का काम करते हैं। गिरफ्तार लोग कार्यक्रम में सभी तरह की व्यवस्था प्रमुख की भूमिका में रहते हैं और बंदोबस्त कराते हैं।

जरूरत पड़ी तो बाबा से भी होगी पूछताछ—

आईजी ने बताया कि हादसे के बाद से अब तक की पुलिस कार्रवाई में बाबा से पूछताछ अभी तक नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि हादसे से जैसे-जैसे जांच की प्रक्रिया बढ़ेगी, उसकी जद में आने वाले हर शख्स से पूछताछ और कार्रवाई की जाएगी। जांच के आधार पर जरूरत पड़ी,  तो बाबा से भी पूछताछ की जाएगी।

प्रकाश मधुकर पर घोषित किया जा रहा एक लाख रुपये का इनाम—

आईजी ने बताया है कि विवेचना में एक सेवादार द्वारा सत्संग में आई भीड़ का वीडियो बनाने पर डाटा जा रहा है और उसे मोबाइल बंद रखने की बात कही जा रही है या डराया व धमकाया जा रहा है। इसको देखते हुए सेवादार प्रकाश मधुकर के ऊपर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया जा रहा है।

हादसा या साजिश के बिन्दुओं पर भी जांच—

शलभ माथुर ने बताया कि हाथरस में सत्संग में आए लोग वाकई में हादसे का शिकार हुए या कहीं उन्हें साजिश का शिकार तो नहीं बनाया गया, इसको गंभीरता से विवेचना में देखा जा रहा है। बाबा की चरण रज लेने के लिए वहां जुटी भीड़ आगे बढ़ी तो जिन सेवादारों ने भीड़ को छोड़ दिया, जिसके बाद ये घटना हुई, वे लोग मौके से भाग गए थे। उनको लेकर इन बिन्दुओं पर छानबीन चल रही है।

वीडियो बनाने से रोकते थे गिरफ्तार अभियुक्त—

आईजी अलीगढ़ ने बताया कि गिरफ्तार लोग वीडियो बनाने से रोकते थे। खुद ही भीड़ नियंत्रण का काम करते हैं। अभी और लोगों की भी पहचान जारी है। भगदड़ मचने से अभी तक 121 लोगों की मौत हुई है। सभी की शिनाख्त हो चुकी है। उनके परिजनों को सम्मान पूर्वक शव सुपुर्द करते हुए सहायता राशि व अन्य कार्रवाई को अमल में लाया गया है।

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