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ट्रंप–बिन सलमान बैठक : परमाणु तकनीक, एफ-35 डील, एआई चिप्स और अरबों डॉलर के निवेश पर बड़ी घोषणाएं

वॉशिंगटन- 18 नवंबर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की व्हाइट हाउस में हुई हाई-स्टेक बैठक के दौरान रक्षा, परमाणु तकनीक, निवेश और इजरायल-सऊदी संबंधों को लेकर कई अहम बयान सामने आए। सात वर्षों बाद व्हाइट हाउस पहुंचे बिन सलमान का ट्रंप ने सैन्य सम्मान, कैनन सलामी और जेट फ्लाईओवर के साथ भव्य स्वागत किया।

बैठक के दौरान ट्रंप ने संकेत दिया कि अमेरिका सऊदी अरब को परमाणु तकनीक स्थानांतरित करने के लिए एक समझौते पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह “एक डील होते हुए देख सकते हैं”, हालांकि समयसीमा स्पष्ट नहीं की। दोनों नेताओं के बीच अब्राहम समझौतों पर भी चर्चा हुई। ट्रंप ने दावा किया कि उन्हें सऊदी से “सकारात्मक प्रतिक्रिया” मिली है, जबकि बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब समझौतों में शामिल होना चाहता है, लेकिन दो-राज्य समाधान के लिए स्पष्ट रास्ते की भी गारंटी चाहता है।

ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका सऊदी अरब को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स की बिक्री की मंजूरी देने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था “इज़रायल की तरह ही” होगी। यदि यह डील पूरी होती है तो मध्य-पूर्व के शक्ति समीकरण में बड़ा बदलाव माना जाएगा।

इसके अलावा, ट्रंप ने बताया कि अमेरिका और सऊदी अरब के बीच रक्षा सहयोग समझौता भी अंतिम रूप ले चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी प्रशासन उन्नत एआई चिप्स की बिक्री को मंजूरी देने पर काम कर रहा है—जो अमेरिकी निर्यात नीति में बड़े बदलाव का संकेत है और दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग को नई दिशा देगा।

निवेश के मोर्चे पर भी बड़ा ऐलान हुआ। ट्रंप ने कहा कि सऊदी अरब ने 600 अरब डॉलर अमेरिकी अर्थव्यवस्था में निवेश करने पर सहमति जताई है। उन्होंने मज़ाकिया अंदाज में कहा कि उम्मीद है, “एक ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ा देंगे।” जवाब में बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब “अमेरिका के भविष्य पर विश्वास करता है” और निवेश को लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाएगा।

पत्रकारों द्वारा ट्रंप परिवार के बिज़नेस और संभावित हितों के टकराव पर प्रश्न पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, “मेरा परिवार के बिज़नेस से कोई लेना-देना नहीं है। मैं 100% ऊर्जा राष्ट्रपति पद पर दे रहा हूं।”

जमाल ख़ासोगी की हत्या पर सवाल पूछे जाने पर ट्रंप ने अमेरिकी खुफिया निष्कर्षों के विपरीत दावा किया कि बिन सलमान “इसके बारे में कुछ नहीं जानते थे।” उन्होंने कहा, “चाहे उस व्यक्ति (ख़ासोगी) को कोई पसंद करे या नहीं, चीजें होती हैं।”

व्हाइट हाउस में यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब ट्रंप प्रशासन सऊदी अरब के साथ रणनीतिक, रक्षा और आर्थिक साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने की कोशिश कर रहा है।

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