
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर पंजाब और हरियाणा से रिपोर्ट मांगी
नई दिल्ली- 12 नवंबर। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर पंजाब और हरियाणा सरकार से रिपोर्ट तलब की है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकार से पूछा कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान बुधवार काे वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि फिलहाल दिल्ली में ग्रैप-3 लागू है। दिल्ली में ग्रैप-4 को लागू किए जाने की जरुरत है, क्योंकि एक्यूआई 450 पार कर गया है। यहां कोर्ट के बाहर भी ड्रिलिंग का काम जारी है। कम से कम कोर्ट के पास तो ऐसा नहीं होना चाहिए। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि निर्माण गतिविधियों को लेकर कार्रवाई की जाएगी।
एमिकस क्यूरी अपाजिता सिंह ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करके बताया था कि पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर पराली जलाई जा रही है, जिससे दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता और खराब हो गयी है। एमिकस क्यूरी ने उच्चतम न्यायालय
में दाखिल हलफनामे में नासा सैटेलाइट के फोटो भी लगाए हैं, जिसमें हरियाणा और पंजाब में पराली जलायी जा रही है। एमिकस क्यूरी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसलों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। इसके पहले 3 नवंबर को एमिकस क्यूरी ने उच्चतम न्यायालय
में कहा था कि दिल्ली में कई स्थानों के एयर मानिटरिंग स्टेशन काम नहीं करने की रिपोर्ट है। तब चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए उठाये गये कदमों पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।
एमिकस क्यूरी ने कहा था कि हालिया मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के वायु गुणवत्ता की मानिटरिंग करने वाले कई स्टेशन काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में ग्रैप को कब लागू करना है ये पता ही नहीं चलेगा। दीपावली के दिन 37 में से केवल 9 मानिटरिंग स्टेशन ही काम कर रहे थे। उच्चतम न्यायालय ने 15 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों के निर्माण और बिक्री की सशर्त अनुमति दी थी। कोर्ट ने कहा है कि सुबह 6 बजे से लेकर 7 बजे तक और रात 8 बजे से लेकर 10 बजे तक ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।



