
बिहार को विकसित राज बनाना चाहता हूं : राजनाथ
सहरसा- 04 नवंबर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जिले के सिमरी बख्तियारपुर उच्च विद्यालय मैदान में आज एनडीए समर्थित लोजपा (आर) के प्रत्याशी संजय कुमार सिंह के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर कहा की सिमरी बख्तियारपुर के इस मैदान पर यह जो जन सैलाब उमड़ी है, इससे यह स्पष्ट लग रहा है कि सिमरी बख्तियारपुर की जनता पूरी तरह से एनडीए की सरकार एक बार फिर से बनाने का मूड बना ली है।
उन्होंने कहा कि यहां के एक-एक जनता घोषणा पत्र उठाकर देख ले जो-जो घोषणा हम लोगों ने किया है, वह पूरा करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि नेताओं को कहने और करने में अंतर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संजय कुमार सिंह जब यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री बनाने का जब सवाल होगा तो इन्हीं लोगों के मदद से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जहां तक बिहार के मुख्यमंत्री का प्रश्न है। वह आप अच्छी तरह जानते है कि लंबे समय से वह राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रहे है। लेकिन लंबे समय से राजनीतिक क्षेत्र में काम करने के बावजूद कोई भी माय का लाल चाहे वह भारत के किसी भी राज्य का रहने वाला हो उंगली उठाकर नहीं कह सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दामन पर भ्रष्टाचार का कोई आंच लगा हो। हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार पूरे देश में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र में भी एनडीए के नेतृत्व में केंद्र की सरकार चल रही है और इस एनडीए के सरकार में भी लोजपा (आर) के सुप्रीमो चिराग पासवान मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि हम बिहार को विकसित राज बनाना चाहते है। इसलिए मैं आज यहां वोट मांगने आया हूं। उन्होंने कहा कि हमारे एनडीए सरकार की राजनीतिक के पन्नों को आप उल्टा कर देख लीजिए, एनडीए ने जो कहा है, उसे अक्षर सह पूरा किया है। चाहे उसमें जो भी बढ़ाए उत्पन्न हुई हो। हमारा मानना है कि राजनीतिक जीवन में कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। लेकिन आजाद भारत में लंबे समय तक नेताओं के कथनी और करनी में अंतर होने के कारण ही भारत के राजनीति और भारत के नेताओं पर से जनता का विश्वास समाप्त होता चला गया। उन्होंने कहा कि हम जो कहेंगे उसे पूरा करेंगे। चाहे बिहार का घोषणा पत्र हो या केंद्र का घोषणा पत्र हो, आप उल्टा कर देख लीजिए एक-एक चीज जो हमने घोषणा किया है, उसे पूरा करके दिखाया है। नेताओं के कहने और करने में अंतर नहीं होना चाहिए।



