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RAJISTHAN:- विधानसभा में पेपर लीक पर हंगामा, राज्यपाल को अभिभाषण बीच में ही छोड़ना पड़ा

जयपुर- 23 जनवरी। विधानसभा में बजट सत्र के पहले ही दिन सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। भाजपा और रालोपा के विधायकों ने सदन में सरकार पर जमकर निशाना साधा। हंगामे के चलते राज्यपाल को अभिभाषण बीच में छोड़ना पड़ा। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने आरएलपी के तीन विधायकों को एक दिन के लिए सदन से निष्कासित कर दिया। हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित हुई।

विधानसभा की कार्यवाही 11:55 बजे दोबारा शुरू हुई तो आरएलपी के विधायक नारायण बेनीवाल, पुखराज गर्ग और इंदिरा बावरी दोबारा वैल में आकर तख्ती दिखाते हुए पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच की मांग करने लगे। हंगामे के बीच अध्यक्ष जोशी ने कांग्रेस के नव निर्वाचित विधायक अनिल शर्मा को शपथ दिलाई। इस दौरान भी आरएलपी के विधायक अपनी मांग दोहराते रहे। अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के बार-बार चेतावनी के बाद भी तीनों विधायक नहीं माने तो अध्यक्ष ने इन्हें मार्शल के जरिए सदन से बाहर निकलवाया। मार्शल ने महिला विधायक का हाथ पकड़ लिया तो राजेन्द्र राठौड़ खड़े हो गए और हाथ छोड़ने को कहा। इस पर वहां महिला पुलिसकर्मी आई और विधायक को बाहर ले गई। जोशी ने तीनों विधायकों को एक दिन के लिए निष्कासित किया।

इससे पहले सदन में राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया खड़े हो गए। कटारिया ने कहा कि राजस्थान में लगातार परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। आप पर संविधान की रक्षा का दायित्व है, ऐसे कैसे चलेगा। इसके बाद भाजपा विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। राज्यपाल ने 21 मिनट तक विपक्ष के हंगामे के बीच अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, लेकिन हंगामे के कारण वे इसे पूरा नहीं पढ़ पाए और इसे बीच में ही छोड़ दिया। राज्यपाल का अभिभाषण को पढ़ा हुआ मान लिया गया। इसके बाद राज्यपाल विधानसभा से रवाना हो गए।

विधानसभा में हंगामे पर मुख्यमंत्री का पलटवार—

विधानसभा में हुए हंगामे पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की उपलब्धियों को देखते हुए भाजपा की हवा निकल जाती है। राज्यपाल अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियां बताते, जिसे सुनने का साहस भाजपा में नहीं है। उनमें इतनी हिम्मत ही नहीं कि वे यह सब बैठक सुन पाते इसलिए ये सब नाटक किया गया। पेपर लीक पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपर लीक की चिंता इनसे ज्यादा हमें है, क्योंकि अगर हम नौकरियां नहीं लगाते तो अलग बात थी। नौकरियां हम इतनी लगा रहे हैं जो हिंदुस्तान में किसी राज्य में नहीं लग रही हैं, ये जानते हैं कि नौकरियां इतनी लग रही हैं जिससे सरकार की उपलब्धियां सामने आएंगी।

निष्कासन पर बयान—

विधानसभा में रालोपा के प्रदेश अध्यक्ष व भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग, खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल व मेड़ता विधायक इंदिरा देवी बावरी के निष्कासन पर रालोपा संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का बयान आया है। उन्होंने कहा कि तीनों विधायक लोकतांत्रिक रूप से प्रदर्शन कर राजस्थान के युवाओं की पीड़ा को आसन के समक्ष रख रहे थे मगर सत्ता के इशारे पर आसन ने रालोपा के विधायकों को मार्शल बुलाकर बाहर निकाला और एक दिन के लिए निष्कासित किया, यह लोकतंत्र की व्यवस्था का अपमान है। एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी लोकतंत्र की व्यवस्था को सशक्त करने की बात करते है दूसरी तरफ निष्पक्ष भूमिका निभाने के स्थान पर राज्य सरकार के इशारे से युवाओं की आवाज उठाने वाले आरएलपी विधायकों को सदन से निष्कासित करते है। आज भाजपा का दोहरा चरित्र पुन: सदन में सामने आया। जब मार्शल रालोपा के विधायकों को बाहर निकाल रहे थे तब भाजपा के विधायक मूकदर्शक बनकर बैठे रहे। जबकि पूर्व में कभी ऐसा कोई वाक्या सदन में होता था तो समूचा विपक्ष, विपक्ष के सभी विधायकों का संरक्षण करता आया है। चाहे वो किसी भी दल से हो। भाजपा पेपर लीक मामलों में सीबीआई जांच की मांग केवल औपचारिक रूप से कर रही है और अंदरखाने कांग्रेस के साथ है।

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