RAJESTHAN विधानसभा में हंगामा: बजट सत्र की बची हुई अवधि के लिए डोटासरा सहित 6 विधायक सस्पेंड, धरने पर बैठा विपक्ष

जयपुर- 21 फ़रवरी। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री पर मंत्री की टिप्पणी से नाराज कांग्रेस विधायकाें के हंगामें के बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत छह विपक्षी विधायकों काे बजट सत्र की शेष अवधि के लिए सस्पेंड कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई। निलंबन के खिलाफ कांग्रेस विधायक सदन में धरने पर बैठ गए। शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी पर हंगामा हो गया था। हंगामा बढ़ने के कारण तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। शाम चार बजे फिर से कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस विधायकों का वैल में हंगामा जारी रहा रहा।

इस दौरान मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायकों को सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गोविंद सिंह डोटासरा, उप नेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत, हाकम अली खान और संजय कुमार को बजट सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया।

प्रश्नकाल के दाैरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार को जमकर हंगामा किया। कांग्रेसी विधायकों ने मंत्री की टिप्पणी वापस लेने और माफी की मांग काे लेकर वेल में आकर नारेबाजी की। इस दौरान कांग्रेस विधायकों की स्पीकर वासुदेव देवनानी से नोकझोंक हुई।

हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सुबह 11:36 बजे सदन की कार्यवाही को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। 30 मिनट बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, लेकिन हंगामा जारी रहा। कांग्रेस के विधायक वैल में नारेबाजी करते रहे। इस पर सभापति ने दाे बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।

कार्यवाही दो बजे फिर शुरू होते ही कांग्रेस का हंगामा जारी रहा। इस पर सभापति ने विधानसभा की कार्यवाही चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी। चार बजे विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी कांग्रेसी सदस्याें का हंगामा नहीं थमा तब सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने डोटासरा सहित छह कांग्रेस विधायकों को सदन से सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूर किया गया। इसके बाद देवनानी ने सोमवार तक के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में धरना शुरू कर दिया। सस्पेंड किए गए सभी छह विधायकों को घेर कर विधायक धरने पर बैठ गए।

असल में, शुक्रवार काे सदन की कार्यवाही शुरू हाेने के बाद प्रश्नकाल के दाैरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले बजट में 2023-24 में आपने हर बार की तरह अपनी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा।

इस टिप्पणी पर विपक्ष भड़क गया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंत्री की टिप्पणी का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह क्या बकवास है? आपकी दादी क्या हाेती है। ये मंत्री है या बवाल। इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री रही हैं, उनके लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

मामला इतना बिगड़ा कि कांग्रेस के विधायक वैल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने स्थिति को शांत करने का प्रयास किया और कहा कि ‘दादी’ एक सम्मानजनक शब्द है, लेकिन तब तक कांग्रेसी विधायक नारेबाजी करते हुए वैल से हाेते हुए स्पीकर के डायस तक पहुंच गए। इसपर विधानसभाअध्यक्षवासुदेवदेवनानी नाराज हाे गए और सदन की कार्यवाही काे आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया।

बाद में पत्रकाराें से बातचीत करते हुए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जब-जब सदन में आते हैं, तो हंगामा होता है। वो नेता प्रतिपक्ष को पचा नहीं पा रहे हैं।

आज प्रश्नकाल के दौरान सब ठीक चल रहा था, मंत्री अविनाश गहलोत ने आपकी दादी शब्द इस्तेमाल किया था, यह असंसदीय नहीं है।

सत्ता पक्ष ने एक राय होकर फैसला किया। डोटासरा और कांग्रेस विधायक स्पीकर की डायस तक पहुंच गए थे, यह कलंकित करने वाला होता। जब स्पीकर ने उन्हें बुलाया था तो वे उग्र और आक्रामक होकर आए, इसलिए उनके खिलाफ एक्शन लेना पड़ा।

सदन में धरना देना उनका अधिकार है, लेकिन फिर भी मैं खुले मन से बातचीत को तैयार हूं और मैं खुद बातचीत करने के लिए जाऊंगा। कांग्रेस के विधायकों को अपने कृत्य के लिए खेद भी जताना पड़ेगा।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मंत्री ही सदन नहीं चलाना चाहते। आज पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी जब सदन में गतिरोध बना था, तब इनके मंत्री विधायकों ने मुझे और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को गालियां दीं, हम चुप रहे। आज मंत्री अविनाश गहलोत देश के लिए शहीद होने वाली उस आयरन लेडी इंदिरा गांधी के बारे में गलत शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं, स्पीकर उसे कार्यवाही से नहीं हटा रहे। जूली ने कहा कि इनके मंत्री सदन में जवाब नहीं दे पाए। रफीक खान ने जब अफसरों पर आराेप लगाए तो कार्यवाही से हटा दिया। सत्ता पक्ष ही नहीं चाहता कि सदन चले। मंत्रियों के जवाबों से बीजेपी विधायक ही संतुष्ट नहीं हैं। हमने सदन चलाने में सहयोग का वादा किया है तो इनके गुलाम नहीं हो गए। इस तरह नहीं चलने देंगे।

विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सत्ता पक्ष खुद सदन नहीं चलाना चाहता। हम विधानसभा में गाली नहीं सुनेंगे। मंत्री जवाब नहीं दे पा रहे। यह सदन चलाने वाले लक्षण नहीं है।

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Author: lakshyatak

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