PURNIYA:- हत्या के मामले में 11 अभियुक्तों को आजीवन कारावास

पूर्णिया- 28जुलाई। हत्या के एक मामले में दोषी 11अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। पूर्णिया के दशम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महावीर प्रसाद ने सुनाई है। जुर्माने की राशि अभियुक्तों द्वारा जमा नहीं करने की स्थिति में अभियुक्तों को अतिरिक्त 06 माह कैद में रहना पड़ेगा। जुर्माने की राशि अभियुक्तों द्वारा जमा किए जाने पर उक्त राशि मृतक की पत्नी मीना देवी को देय होगा।

सजा पाने वाले अभियुक्तों में रामेश्वर मंडल, फूलेश्वर मंडल, नारायण मंडल, धीरेंद्र मंडल उर्फ धीरो मंडल, घनश्याम मंडल उर्फ घैरू मंडल, खंतर मंडल, नाथो मंडल, सुरेश मंडल, तपेंद्र मंडल, सुभाष मुखिया एवं विष्णु देव मुखिया सभी ग्राम दुर्गापुर थाना भवानीपुर जिला पूर्णिया शामिल। यह सजा पूर्णिया के दशम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महावीर प्रसाद ने सुनाई है। उक्त सजा सत्र वाद संख्या 618/2007 में सुनाई गई है, जो भवानीपुर थाना कांड संख्या 19/2006 पर आधारित था।

इस मुकदमे के अपर लोक अभियोजक अताउर रहमान ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 मार्च 2006 को दोपहर बाद लगभग 2:30 बजे चौकीदार कुमार देव पासवान अपने घर जा रहा था। दुर्गापुर पहुंचने पर उसे जानकारी मिली कि गांव से पूरब भूतपूर्व सरपंच साहब कैलाश मंडल के बगीचा में वासुदेव मंडल को कुछ लोग पकड़ कर मार-पीट कर रहे हैं। यह बात सुनकर उक्त चौकीदार घटनास्थल पर पहुंचा तो देखा बासुदेव मंडल खून से लथपथ वहां मरा पड़ा हुआ है। वहां काफी लोग जमा हो रहे थे। कुछ लोग वासुदेव मंडल की हत्या करने के बाद पूरब दिशा की ओर भाग रहे थे। मृतक के शव के पास मृतक की पत्नी मीरा देवी रो-पीट कर बदहवास हो गई थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद पूर्व में भी कुछ अभियुक्तों का विचार न्यायालय में चला था जिसमें उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वर्तमान विचारण में कुल 14 अभियुक्त थे। जिनमें से संतोष मंडल और संजय मंडल के नाबालिक होने के कारण उनके मामले को विचरण हेतु किशोर न्यायालय में भेज दिया गया। एक अभियुक्त गुरुदेव मुखिया का देहांत विचारण के दौरान हो गया।

इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत गवाहों की गवाही एवं अभिलेख पर मौजूद अन्य साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय द्वारा दोषी पाए जाने के बाद सभी उपरोक्त 11 अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। इस मुकदमे को अभियोजन पक्ष की ओर से संचालित कर रहे थे अपर लोक अभियोजक आताउर रहमान।

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Author: lakshyatak

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